पटना : अपने चारों ओर कस रहे शिकंजे के बीच बिहार स्कूल परीक्षा बोर्ड (बीएसईबी) के अध्यक्ष लालकेश्वर प्रसाद सिंह ने आज इंटर टॉपर धांधली के सिलसिले में अपने पद से इस्तीफा दे दिया. इस बीच, राज्य सरकार ने नयी नियुक्तियां कर बीएसईबी को नयारूप देने की कोशिश की है. बिहार के शिक्षा मंत्री के कार्यालय के उच्च-पदस्थ सूत्रों ने बताया कि पटना के प्रमंडलीय आयुक्त आनंद किशोर को आज बीएसईबी का प्रशासक बनाया गया.
शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी ने पीटीआई भाषा को बताया कि हरिहर नाथ झा को हटाकर अनूप सिन्हा को बीएसईबी का सचिव नियुक्त किया गया है. पुलिस जांच में टॉपर धांधली मामले में अनियमितताएं सामने आने के बाद लालकेश्वर ने अपना इस्तीफा सौंपा. चौधरी ने कहा, हमें बोर्ड के अध्यक्ष लालकेश्वर प्रसाद सिंह का त्याग-पत्र प्राप्त हुआ है. शिक्षा मंत्री ने कहा कि लालकेश्वर को कारण बताओ नोटिस जारी कर पूछा गया था कि इंटर परीक्षा के परिणाम में हुई अनियमितताओं के लिए उन्हें पद से क्यों नहीं हटा दिया जाये.
लालकेश्वर को 24 घंटे के भीतर विभाग को जवाब भेजने का आदेश दिया गया था. लेकिन यह समयसीमा पूरी होने से पहले ही उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया. उनके इस्तीफे के कुछ घंटे बाद पुलिस ने कहा कि लालकेश्वर भूमिगत हो गये हैं. पटना के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) मनु महाराज की अगुवाई में गठित की गयी एसआईटी ने लालकेश्वर के घर पर छापेमारी की. इससे पहले, एसएसपी खुद बीएसईबी के दफ्तर गये, कुछ अधिकारियों से पूछताछ की और दस्तावेजों की जांच की. महाराज ने बीएसईबी दफ्तर में पत्रकारों को बताया, प्रथम दृष्टया, टॉपर धांधली मामले में अनियमितता पाई गयी है.
उधर, वैशाली जिले में भी पुलिस ने कार्रवाई की. गौरतलब है कि विवादित बिशुन राय इंटरमीडिएट कॉलेज वैशाली में ही है. इंटर कला की टॉपर रुबी राय एवं इंटर विज्ञान का टॉपर सौरभ श्रेष्ठ इसी कॉलेज के छात्र रहे हैं. चार टॉपरों रुबी राय, सौरभ श्रेष्ठ, राहुल कुमार और शालिनी राय के घर पर अलग-अलग नोटिस चिपका कर उन्हें एसआईटी के सामने पेश होने के निर्देश दिये गये हैं.
टॉपर धांधली मामले में पुलिस कार्रवाई का पर्यवेक्षण कर रहे पटना के एसएसपी ने कहा कि शिक्षा विभाग की ओर से सोमवार की रात सात लोगों के खिलाफ दर्ज करायेगये केस में पुलिस ने चार लोगाें को हिरासत में लिया है. इंटर टॉपर धांधली सामने आने के बाद बिहार की काफी बदनामी हुई है.
मीडिया में दिखाया गया था कि रुबी राय और सौरभ श्रेष्ठ से जब पत्रकारों ने उनके विषय से जुड़े सवाल किये तो उन्होंने अजीबोगरीब जवाब दिये. उनसे कियेगये सवाल-जवाब के वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो गये और बिहार सरकार की काफी आलोचना हुई. इसके बाद कार्रवाइयों का सिलसिला शुरु हुआ.