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सेंसर और राजनीति के बीच फंसी ‘उड़ता पंजाब”, जानें पूरा मामला?

अभिषेक चौबे के डायरेक्‍शन में बनी फिल्‍म ‘उड़ता पंजाब’ को लेकर विवाद थमता नजर नहीं आ रहा है. शाहिद कपूर, करीना कपूर, आलिया भट्ट और दलजीत दोसांज अभिनीत फिल्म में पंजाब में मादक पदार्थ के लत में फंसे युवाओं और उसके प्रभाव को दिखाया गया है. लेकिन फिल्‍म सेंसर बोर्ड और अगले साल होनेवाले विधानसभा […]

अभिषेक चौबे के डायरेक्‍शन में बनी फिल्‍म ‘उड़ता पंजाब’ को लेकर विवाद थमता नजर नहीं आ रहा है. शाहिद कपूर, करीना कपूर, आलिया भट्ट और दलजीत दोसांज अभिनीत फिल्म में पंजाब में मादक पदार्थ के लत में फंसे युवाओं और उसके प्रभाव को दिखाया गया है. लेकिन फिल्‍म सेंसर बोर्ड और अगले साल होनेवाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर बीच में झूलती नजर आ रही है.

निहलानी को बताया ‘तानाशाह’

हाल ही में फिल्‍म के सह-निर्माता अनुराग कश्यप ने सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष पहलाज निहलानी को ‘कुलीन’ और ‘तानाशाह’ बताते हुए कहा है कि यह उत्तर कोरिया में रहने जैसा है जिसे लेकर राजनीतिक वाद-विवाद भी शुरु हो गया था, जिसके बाद अनुराग कश्यप ने दलों को सेंसरशिप के मामले से दूर रहने की सलाह दी थी. गौरतलब है कि पंजाब में अगले वर्ष विधानसभा चुनाव होने हैं.

कश्यप ने ट्वीट किया, ‘मैं हमेशा सोचना था कि उत्तर कोरिया में रहना कैसा लगता होगा…. अब तो प्लेन पकडने की भी जरुरत नहीं है….’ उन्होंने लिखा, ‘‘मैंने कांग्रेस, आप और अन्य दलों से अनुरोध किया है कि वे मेरी लडाई से बाहर ही रहें. यह मेरे अधिकारों और सेंसरशिप के बीच की लडाई है. मैं सिर्फ अपनी ओर से बोलता हूं.’

फिल्‍म में 89 कट

सेंसर बोर्ड की रीवाइजिंग कमेटी ने फिल्म निर्माताओं से पंजाब के सभी उल्लेखों को हटाने तथा कुल 89 कट करने को कहा था. हालांकि कश्यप का कहना है कि वह इस संबंध में बोर्ड से आधिकारिक पत्र मिलने का इंतजार कर रहे हैं. इस पूरे विवाद में कश्यप को करण जौहर, मुकेश भट, राम गोपाल वर्मा सहित फिल्मी दुनिया के अन्य लोगों का पूरा साथ मिल रहा है.

निहलानी को सरकार की ‘कठपुतली’ बताते हुए मुकेश भट ने कहा, ‘देश में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और रचनात्मकता के लिए यह काला दिन है.’ ‘बॉम्बे वेलवेट’ के निर्देशक ने सेंसर बोर्ड पर अपना गुस्सा उतारने के लिए ट्विटर का सहारा लिया और लिखा कि स्वतंत्रता की कोई भावना ही नहीं है.

राहुल गांधी ने किया ‘उडता पंजाब’ का समर्थन

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने ‘उड़ता पंजाब’ प्रदर्शित किए जाने की जोरदार वकालत की और कहा कि राज्य में मादक पदार्थ की गंभीर समस्या है और सेंसरशिप से यह दूर नहीं होगी. राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ‘पंजाब में मादक पदार्थ की गंभीर समस्या है. ‘उडता पंजाब’ को सेंसर किए जाने से यह दूर नहीं होगी. सरकार को यह वास्तविकता स्वीकार करनी चाहिए और समाधान खोजना चाहिए.’

आप और कांग्रेस ने साधा निशाना

‘उडता पंजाब’ पर सेंसर बोर्ड द्वारा आपत्ति जताने के बीच विपक्षी दल आप और कांग्रेस ने आज सत्तारुढ शिअद भाजपा गठबंधन पर आरोप लगाया कि फिल्म को ‘प्रतिबंधित’ करने में वह अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर रहा है. राज्य सरकार ने इस आरोप से इंकार किया है.

विपक्ष के नेता कांग्रेस के चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा, ‘अकाली पंजाब की छवि को लेकर चिंतित नहीं हैं. बल्कि वे फिल्म के रिलीज को लेकर डरे हुए हैं कि इससे राज्य सरकार की छवि खराब होगी.’

आप सांसद भगवंत मान ने कहा, ‘शिअद भाजपा सरकार के इशारे पर सेंसर बोर्ड ने ‘उडता पंजाब’ के खिलाफ काम किया है. यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला है.’ मान ने आरोप लगाया, ‘इस तरह के कृत्यों में संलिप्त रहने से राज्य सरकार पंजाब की इस वास्तविकता को नहीं छिपा सकती कि अपने नौ वर्षों के कार्यकाल में उसने राज्य को नशे की तरफ धकेल दिया है.’

मुख्‍यमंत्री ने दिया जवाब

विपक्ष के हमले पर मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने कहा, ‘‘इसके लिए राज्य सरकार को कैसे जिम्मेदार ठहराया जा सकता है जबकि सीबीएफसी पूरी तरह भारत सरकार के नियंत्रण में है.’ पंजाब भाजपा के प्रमुख और केंद्रीय मंत्री विजय सांपला ने सेंसर बोर्ड के कदम का स्वागत किया और कहा कि पंजाब को ‘बदनाम’ करने के प्रयास से कडाई से निपटा जाना चाहिए.

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