13.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

कभी-कभी खुलता है धमौल अस्पताल, नहीं होता इलाज !

तीन जिलों की सीमा पर स्थित उपस्वास्थ केंद्र में फिलहाल जुआरियों का अड्डा धमौल : धमौल उपस्वास्थ केंद्र की हालत दिन-प्रतिदिन बदतर होती जा रही है. उपस्वास्थ केंद्र में चिकित्सकों का भी अभाव है. यही कारण है कि उपस्वास्थ केंद्र ज्यादातर बंद ही रहता है. विशेष अवसर पर मात्र चंद घंटों के लिए ही खुलता […]

तीन जिलों की सीमा पर स्थित उपस्वास्थ केंद्र में फिलहाल जुआरियों का अड्डा
धमौल : धमौल उपस्वास्थ केंद्र की हालत दिन-प्रतिदिन बदतर होती जा रही है. उपस्वास्थ केंद्र में चिकित्सकों का भी अभाव है. यही कारण है कि उपस्वास्थ केंद्र ज्यादातर बंद ही रहता है. विशेष अवसर पर मात्र चंद घंटों के लिए ही खुलता है. तीन जिलों की सीमा पर अवस्थित यह उपस्वास्थ केंद्र वर्तमान समय में खुद बीमार की हालत में है. इस ओर अब तक कोई जनप्रतिनिधि या सामाजिकता का दंभ भरनेवाले आगे नहीं आ पाये हैं. 50 हजार से भी ज्यादा लोगों का स्वास्थ्य का जिम्मा यह उपस्वास्थ केंद्र के भरोसे है. पता चला है कि यहां दो एनएम नियुक्त हैं.
इसमें एक की प्रतिनियुक्ति बुधौली कर दी गयी है. इससे उपस्वास्थ केंद्र की हालत और भी चरमरा गयी है. नवादा, जमुई व शेखपुरा जिलों की सीमा पर अवस्थित होने के कारण यह उपस्वास्थ केंद्र बहुत ही महत्वपूर्ण है. इसमें नवादा जिले के दर्जनों गांवों सहित, शेखपुरा जिला के अफरडीह, ओरानी, चोढ, महुली व जमुई जिले के कैथा, आढा, तेलार, महतपुर, चंद्रदीप सहित दर्जनों गांवों के रोगी यहां इलाज के लिए आते हैं.
लेकिन, उपस्वास्थ केंद्र की हालत उन्हें निराश के सिवाय कुछ नहीं दे पाती है. संसाधन व कर्मचारियों की कमी के कारण यह स्वास्थ्य केंद्र वर्षों से खस्ताहाल है. जानकारों की मानें तो यह केवल नाम का अस्पताल है. इससे किसी को किसी तरह का लाभ नहीं मिल पाता है. हां फिलहाल यह जुआरियों का अड्डा जरूर बना है.
संसाधन की है घोर कमी : फिलहाल उपस्वास्थ केंद्र में संसाधनों की कमी है. जर्जर हो चुके भवनों में मरम्मत का कार्य तो किया गया है, लेकिन बाहर ही बाहर. वहीं वर्षों पूर्व अस्पताल को नया रूप देने के लिए नया भवनों का निर्माण शुरू किया गया था, जो आज भी अधर में लटका है.
वहीं लोगों की शिकायत पर चिकित्सकों ने अस्पताल की जांच भी की. विभाग को रिपोर्ट भी सौंपा गयी, परंतु अब तक विभाग इस संबंध में कुछ भी नहीं कर पायी है. ग्रामीण बताते हैं कि वर्षों पूर्व इस उपस्वास्थ केंद्र में डॉ राम कुमार प्रसाद की प्रतिनियुक्ति की गयी थी. तब यह अस्पताल अस्तित्व में आया था. उनके तबादले के बाद ही यह यथावत स्थिति में पहुंच गयी. इसके बाद चिकित्सक डॉक्टर रामाकांत निषाद को यहां की जिम्मेदारी सौंपी गयी. लेकिन, उनकी प्रतिनियुक्ति भी पकरीबरावां पीएचसी कर दी गयी है. उसके बाद तो फिर किसी ने इस अस्पताल की सुध नहीं ली.
लोगों को होती है परेशानी : तीन जिलों की सीमा पर अवस्थित होने के कारण यह अस्पताल काफी महत्वपूर्ण है.रोगियों को इलाज के लिए दर-दर ठोकरें खानी पड़ती है. पंचायत के लोगों को किसी भी प्रकार के इलाज के लिए 10 से 15 किलोमीटर दूर प्रखंड मुख्यालय जाना पड़ता है. विषम परिस्थिति में तो रोगियों की हालत बद से बदतर हो जाती है. उपस्वास्थ केंद्र का सही रखरखाव नहीं होने से यह अतिक्रमणकारियों की भी चपेट में है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें