नयी दिल्ली : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने एक बार फिर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी पर हमला किया है. इस बार संघ से जुडी एक पत्रिका के माध्यम से कांग्रेस के परिवारवाद पर प्रहार किया गया है. इस पत्रिका में कहा गया है कि सोनिया गांधी का अपने दामाद रॉबर्ट वड्रा पर लंदन में बेनामी सम्पत्ति खरीदने का आरोप लगने के बाद खुलेआम उनका बचाव करने का उद्देश्य कांग्रेस के ‘‘हतोत्साहित” कार्यकर्ताओं को एक स्पष्ट संदेश देना था कि ‘‘परिवार पार्टी से अधिक महत्वपूर्ण है.”
आरएसएस समर्थक पत्रिका ‘आर्गेनाइजर’ ने अपने एक संपादकीय में लिखा है कि सरकार को चुनौती देना या प्रधानमंत्री को ‘‘शहंशाह” कहने से कांग्रेस को कोई लाभ नहीं होने वाला. उसे जागृत भारत को समझना चाहिए और एक स्वस्थ लोकतंत्र के लिए बदलती स्थिति में एक जिम्मेदार राष्ट्रीय विपक्ष की भूमिका निभानी चाहिए.
संपादकीय में लिखा है, ‘‘रॉबर्ट वड्रा के खुलेआम समर्थन में आकर दागी पार्टी के हतोत्साहित कार्यकर्ताओं को यह स्पष्ट संदेश दिया जा रहा है कि ‘परिवार पार्टी से अधिक महत्वपूर्ण है.’ पत्रिका ने कहा कि ‘‘वंशवाद वाली पार्टी” आधार खो रही है जबकि 2014 के चुनाव के बाद से भाजपा का आधार बढ रहा है. उसने कहा कि प्रथम परिवार ‘‘वह गांेद है जो पार्टी के भीतर सामंती क्षत्रपों को साथ रखता है तथा परिवार पर किसी भी हमले का प्रबंधकों द्वारा एक मजबूत आवाज के साथ जवाब दिया जाता है. ”
उसने कहा, ‘‘शायद सोनिया गांधी इस परिवर्तन को महसूस कर रही हैं इसलिए किसी भी आरोप के खिलाफ यह आक्रोश है.” इसमें लिखा है, ‘‘सरकार को चुनौती देना या प्रधानमंत्री को एक ‘‘शहंशाह” कहने से निश्चित तौर पर कांग्रेस के लिए पहेली नहीं सुलझने वाली.”