ओसाका : वित्त मंत्री अरुण जेटली ने डिफॉल्टरों को एक बार फिर कड़ा संदेश देते हुए चेताया कि सरकार उन्हें चैन से सोने नहीं देगी. उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी और उन्हें बकाया पैसा चुकाना होगा. जेटली ने कहा कि इन डिफॉल्टरों की वजह से देश की दस सार्वजनिक क्षेत्रों की बैंकों में 15 हजार करोड़ रुपये का बकाया है जिसे वसूलने की तैयारी सरकार कर रही है. डिफॉल्टरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी.
यहां हुए एक कार्यक्रम में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के साथ ऋण-प्रवाह, बैंक-कार्य के विस्तार और वसूली न किए जा सकने वाले ऋण पर चर्चा हुई. जेटली ने कहा, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का परिचालन लाभ अच्छा है, घाटा एनपीए के लिए पूंजी प्रावधान के कारण हुआ है. सरकार इन बैंकों की मदद के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है. कों और अधिकार तथा संरक्षण मिलना चाहिए ताकि वे वसूली में फंसे कर्जों का निपटारा कर सकें. बैंकरों को परेशानी में डालने वाले चूककर्ताओं (डिफॉल्टरों) को चैन की नींद सोने की छूट नहीं दी जा सकती. उन्होंने कहा कि इन बैंकों की गैर निष्पादित आस्तियां (एनपीए) कुछ क्षेत्रों में व्यापार संबंधी घाटे के कारण हैं न कि घपलों के कारण.
गौरतलब है कि वित्त मंत्री अरुण जेटली जापान की यात्रा पर हैं यही उन्होंने इस संबंध में हुई चर्चा पर जिक्र करते हुए डिफॉल्टर और बैंकों को हो रहे नुकसान के कारणों का जिक्र किया. जेटली ने कहा, पीएनबी ने परिचालन के आधार पर अच्छा मुनाफा कमाया, एसबीआई को अच्छा मुनाफा रहा. परेशानी केवल पूंजीगत प्रावधानों के कारण ही है जो साफ तौर पर घाटे की तरह नजर आ रहा है.
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