पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उत्तर प्रदेश के मथुरा में पुलिस और अवैध कब्जेदारों के बीच हुए संघर्ष को ‘घोर आश्चर्य’ का विषय बताते हुए आज कहा कि अवैध कब्जेदारों के खिलाफ पहले ही कार्रवाई होनी चाहिए थी, ऐसी हरकत की कोई कल्पना भी नहीं कर सकता. यहां आज जदयू के प्रदेश कार्यालय में अपनी पार्टी के राष्ट्रव्यापी सदस्यता अभियान की शुरुआत करने के बाद पत्रकारों से नीतीश ने मथुरा कांड पर कहा, ‘ऐसी हरकत की कोई कल्पना भी नहीं कर सकता, यह घोर आश्चर्य का विषय है. इतने दिनों से कैसे कब्जा कर बैठे हुए थे. उनकी मांगों से भी आश्चर्य होता है. पहले ही कार्रवाई होनी चाहिए थी. मन नहीं बढ़ने देना चाहिए था.
मथुरा में 2 जून को हुआ था खूनी संघर्ष
मथुरा के जवाहरबाग में गत 2 जून को पुलिस और अतिक्रमणकारियों के बीच हुए खूनी संघर्ष में नगर पुलिस अधीक्षक मकुल द्विवेदी तथा फरह के थाना प्रभारी संतोष यादव के शहीद हो जाने के साथ 27 दंगाईयों की भी मौत हो गयी है जिसमें स्वाधीन भारत विधिक सत्याग्रह नामक कथित संगठन के मुखिया रामवृक्ष यादव भी शामिल हैं. नेताजी सुभाष चंद्र बोस के सिद्धांतों पर चलने का दावा करने वाले स्वाधीन भारत विधिक सत्याग्रह के सदस्यों ने दो साल से जवाहरबाग इलाके में सैकडों करोड रुपये की सरकारी संपत्ति पर कब्जा कर रखा था और गुरुवार को जब पुलिस ने उन्हें वहां से हटाने का प्रयास किया तो हिंसा भड़क गयी थी.
सदस्यता अभियान की शुरुआत
जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश ने अपनी पार्टी की आज से शुरु सदस्यता अभियान के बारे में बताया कि इस अभियान की पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं द्वारा अपने-अपने क्षेत्रों में की गयी है. मधेपुरा में शरद यादव ने इस अभियान की शुरुआत की है. इस अवसर पर मौजूद जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायाण सिंह ने बताया कि इस अभियान के दौरान बिहार में 50 लाख सदस्य बनाए जाने का लक्ष्य रखा गया है. उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर जदयू ने कितने सदस्य बनाए जाने का लक्ष्य निर्धारित किया है इसका खुलासा नहीं किया. इससे पूर्व वशिष्ठ ने नीतीश कुमार को जदयू का प्राथमिक सदस्य बनाया और बाद में पार्टी के निर्णय के अनुसार नीतीश के 25 लोगों को सदस्य बनाए जाने पर उन्हें सक्रिय कार्यकर्ता का प्रमाण पत्र सौंपा गया.