मथुरा/लखनऊ : मथुरा में भड़की हिंसा पर उत्तरप्रदेश के डीजीपी जाविद अहमद ने प्रेस कान्फ्रेंस कर कहा है कि इस घटना में 22 उपद्रवी व पुलिस के दो अधिकारी सिटी एसपी मुकुल द्विवेदी व एसएचओ संतोष यादव की मौत हुई है. उन्होंने कहा कि 11 उपद्रवी खुद के द्वारा लगायी गयी आग में झुलसकर मरे हैं. उन्होंने कहा कि 23 पुलिसवाले जख्मी हैं, जिनका अस्पताल में इलाज चल रहा है. कुछ को सिर में चोटें लगी हैं, जबकि कुछ को गंभीर चोटें लगी हैं. उन्हाेंने कहा कि 45 कट्टे और छह राइफलें बरामद की गयी हैं. साथ ही 15 गाड़ी और छह मोटरसाइकिलें भी जब्त की गयी हैं और यह पता लगाया जा रहा है कि वे किनके वाहन हैं. डीजीपी ने कहा कि अबतक इस मामले में 124 लोगों की गिरफ्तारी हुई है. उन्होंने कहा कि हिंसा भड़काने वालों का सरगना रामवृक्ष यादव पर एनएसए लगाने की तैयारी की जा रही है.
डीजीपीने कहा है कियहस्पष्ट रूप से नहीं कहा जा सकता है कि रामवृद्ध यादव जीवित है याहिंसा में उसकीमौत हो गयी. हालांकि उन्होंने कहा कि इसका पता लगाया जा रहा है और अगर वह जीवित होगा तो उसे अविलंब गिरफ्तार कर लिया जायेगा.
उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी इस मामले में बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि इस घटना के दोषियों को बख्शा नहीं जायेगा और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी. उन्होंने कहा कि इस मामले में स्पीडी अभियोजन चलाया जायेगा.
क्या है पूरा घटनाक्रम
मथुरा (उप्र) : उत्तर प्रदेश के मथुरा में गुरुवार को सरकारी जमीन से अवैध कब्जा हटाने पहुंची पुलिस टीम पर भीड़ ने हमला बोल दिया और फायरिंग के साथ आगजनी भी की जिसमेंसिटी एसपी मुकुल द्विवेदी व एसएचओ संतोष यादवकी मौत हो गयी. इस घटना में कुल 21 लोगों को मौत हो गयी है.. मामले में गृह सचिव मणि प्रसाद और अपर महानिदेशक पुलिस (कानून एवं व्यवस्था) दलजीत चौधरी ने कहा कि घटना को अंजाम देने वाले 200 लोगों की पहचान की गयी है जिन्हें जल्द ही गिरफ्तार कर उनके खिलाफ उचित कानूनी धारा के तहत कार्रवाई की जाएगी.
उन्होंने बताया कि जवाहर बाग में जो लोग अनधिकृत रुप से कब्जा किए हुए थे, उनके खिलाफ इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने जगह खाली कराने का आदेश दिया था जिसके अनुपालन के लिए पुलिस चाहती थी कि यह कार्रवाई शांतिपूर्वक हो जाए. इसीलिए पुलिस पार्टी कार्रवाई के दौरान व्यवस्था बनाए रखने के लिए रेकी करने के इरादे से गई थी किंतु अवैध रुप से वहां डटे हुए लोगों ने गैरकानूनी हथियारों के साथ उन पर हमला कर दिया.
अधिकारियों ने बताया कि इससे अपर पुलिस अधीक्षक (नगर) मुकुल द्विवेदी और फरह पुलिस थाने के प्रभारी संतोष कुमार यादव पहले घायल हुए और फिर एक-एक कर उनकी मृत्यु हो गई. मजिस्ट्रेट और सीओ सिटी चक्रपाणि त्रिपाठी सहित अनेक पुलिसकर्मी घायल हुए हैं. उन्होंने बताया कि बाग में तलाशी के दौरान 12 अतिक्रमणकारियों के भी शव बरामद हुए. इनके अलावा पुलिस के 55 तथा दूसरे पक्ष के दो दर्जन लोग जख्मी हुए हैं जिनमें से कुछ की हालत नाजुक है.
दोनों अधिकारियों ने आधे घण्टे तक बाग का मौका-मुआयना करने के बाद बताया कि अतिक्रमणकारियों के पास भारी मात्रा में तमंचे, गोली, कारतूस, बंदूकें, राइफलें, गोला-बारुद, ग्रेनेड आदि मारक हथियार थे. हालांकि एडीजी दलजीत चौधरी ने बारुदी सुरंग की बरामदगी के सवाल पर कहा कि तलाशी अभियान पूरा हो जाने के बाद ही इसके बारे में कुछ कहा जा सकता है. किंतु तब तक उनके साथ खडे आगरा जोन के आईजी दुर्गाचरण मिश्र बाग में बारुदी सुरंग पाए जाने की हामी भर चुके थे.
उन्होंने बताया कि शासन की ओर से पूरे मामले की जांच आगरा मण्डल के आयुक्त प्रदीप भटनागर को दे दी गई है. आगे की कार्यवाही जांच रिपोर्ट आने के बाद ही तय की जाएगी. अधिकारियों ने इन अवैध कब्जेदारों के मुखिया रामवृक्ष यादव एवं उसके दाएं हाथ चंदन बोस के विरुद्घ प्रभावी कार्रवाई किए जाने का आश्वासन दिया. दोनों वरिष्ठ अधिकारियों के साथ आगरा जोन के आईजी डीसी मिश्रा एवं डीआईजी अजय मोहन शर्मा भी पहुंचे थे.