परंपरा का निर्वाह. रांगा पहाड़ पर मना शिकार पर्व, कम शिकारी पहुंचे
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पक्षी व गिलहरी का किया शिकार
परंपरा का निर्वाह. रांगा पहाड़ पर मना शिकार पर्व, कम शिकारी पहुंचे नरवा : रांगा पहाड़ में सोमवार को आयोजित शिकार पर्व में शिकारियों को बैरंग ही लौटना पड़ा. पर्व में कम शिकारी शामिल होने के कारण छोटे-मोटे पक्षी व गिलहरी को छोड़ कोई बड़ा शिकार शिकारियों के हाथ नहीं लगा. इधर, वन विभाग के […]
नरवा : रांगा पहाड़ में सोमवार को आयोजित शिकार पर्व में शिकारियों को बैरंग ही लौटना पड़ा. पर्व में कम शिकारी शामिल होने के कारण छोटे-मोटे पक्षी व गिलहरी को छोड़ कोई बड़ा शिकार शिकारियों के हाथ नहीं लगा. इधर, वन विभाग के डीएफओ शोभा आलम अंसारी, राखा रेंज के अनिल कुमार दास, रूआम बीट के फॉरेस्टर राजेश्वर प्रसाद तथा घाटशिला रेंज के फॉरेस्टर पवन कुमार सिंह के नेतृत्व में रांगा पहाड़ के राजदोहा में तीन स्थानों पर तथा दामुडीह व रानीकुदर गांव के समीप चेक नाका लगाकर करीब 50 फॉरेस्ट गार्ड की तैनाती की गयी थी.
हितकु गांव की शिकारी टीम ने बताया कि वे रांगा पहाड़ में शिकार के दौरान दो हरिण, करीब 12 बंदर, दो पहाड़ी मुर्गी समेत अन्य जानवरों को देखा गया था, लेकिन कम शिकारी होने के कारण जानवरों को शिकारी घेर नहीं पाये. वहीं दामुडीह तथा बाघमारा के चांद भैरव हुल गांवता के शिकारी टीम के मुख्य संयोजक सुधीर सोरेन, देव दास सोरेन, सुनाराम हांसदा, लोथरो टुडू, बादल हंब्रम, बाप्पी नामाता, दुखु, सिद्दू किस्कू, सरकार सोरेन, राम दास टुडू, मंगल मुर्मू, लेपा मार्डी, तथा सुधीर हेंब्रम ने कहा कि शिकार की परंपरा को जारी रखते हुए उन्होंने शिकार पर्व मनाया.
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