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प्रत्युषा बनर्जी आत्महत्या मामला: राहुल राज की जमानत रद्द करने से SC का इनकार

नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने अभिनेता-निर्माता राहुल राज सिंह की अग्रिम जमानत रद्द करने से आज यह कहते हुए इनकार कर दिया कि दोनों के बीच आखिरी बातचीत यह दिखाती है कि वे ‘एकदूसरे से काफी प्यार करते थे.’ राहुल राज सिंह पर 24 वर्षीया टेलीविजन अभिनेत्री प्रत्यूषा बनर्जी को आत्महत्या के लिए उकसाने […]

नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने अभिनेता-निर्माता राहुल राज सिंह की अग्रिम जमानत रद्द करने से आज यह कहते हुए इनकार कर दिया कि दोनों के बीच आखिरी बातचीत यह दिखाती है कि वे ‘एकदूसरे से काफी प्यार करते थे.’ राहुल राज सिंह पर 24 वर्षीया टेलीविजन अभिनेत्री प्रत्यूषा बनर्जी को आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप है.

न्यायमूर्ति पी सी घोष और न्यायमूर्ति अमिताभ राय की अवकाशकालीन पीठ ने प्रत्यूषा की मां सोमा बनर्जी की याचिका पर यह कहते हुए सुनवायी करने से इनकार कर दिया कि सिंह को प्रदान की गई अग्रिम जमानत को रद्द करने का कोई मजबूत और दमदार आधार नहीं है.

पीठ ने कहा, ‘दोनों के बीच हुई आखिरी बातचीत यह दिखाती है कि दोनों एकदूसरे से अत्यंत प्यार करते थे. किसी मजबूत और दमदार आधार के बिना अग्रिम जमानत रद्द नहीं की जा सकती. जांच एजेंसी को यदि जांच के दौरान यह पता चलता है कि यह भारतीय दंड संहिता की धारा 302 का एक मामला है और आरोपी को हिरासत में लेने की जरुरत है, वह उच्च न्यायालय जा सकती है.’

आरोपी की कोई भूमिका आरोपित करने के लिए कोई सुसाइड नोट भी नहीं है. प्रत्यूषा की मां के वकील ने कहा सिंह से हिरासत में पूछताछ जरुरी है, क्योंकि जांच में विसंगतियां हैं और वह सबूत से छेडछाड कर सकता है. पीठ ने यद्यपि याचिका को वापस लिया हुआ मानकर खारिज कर दिया.

इससे पहले महीने के शुरु में टेलीविजन अभिनेत्री प्रत्यूषा बनर्जी की मां ने बम्बई उच्च न्यायालय की ओर से सिंह को प्रदान की गई अग्रिम जमानत रद्द करने के लिए उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था. प्रत्यूषा एक अप्रैल को गोरेगांव स्थित अपने आवास पर रहस्यमय परिस्थितियों में मृत मिली थी.
प्रत्यूषा की मां ने अपनी याचिका में कहा था कि सिंह को हिरासत में लिया जाना चाहिए क्योंकि मामले में जांच जारी है और ऐसी संभावना है कि उसके द्वारा सबूतों से छेडछाड की जा सकती है. यह दलील दी गई कि मृतक के शरीर पर कई गहरे घाव थे और पंचनामा में कई विसंगतियां थीं.
उच्च न्यायालय ने 25 अप्रैल को सिंह को अग्रिम जमानत दी थी जिसने अपने खिलाफ लगे आरोपों से इनकार किया था.
पुलिस ने उससे पहले उच्च न्यायालय में एक रिपोर्ट दायर की थी. पुलिस ने रिपोर्ट में आरोप लगाया था कि मुम्बई के गोरेगांव में प्रत्यूषा के साथ एक फ्लैट में रहने वाला सिंह उससे मारपीट करता था और उससे पैसे उधार लेता था.

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