नयी दिल्ली : भारत के चुनाव इतिहास में पहली बार चुनाव आयोग ने मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए धनराशि इस्तेमाल किए जाने के सबूत मिलने के बाद आज अधिसूचना रद्द करके तमिलनाडु विधानसभा की दो सीटों के लिए ‘‘उचित समय में’ ताजा चुनाव कराने का निर्णय किया. इससे पहले चुनाव आयोग ने अरावकुरिचि और तंजावुर विधानसभा सीटों के लिए चुनाव दो मौकों पर उम्मीदवारों और राजनीतिक पार्टियों द्वारा मतदाताओं को बड़े पैमाने पर धनराशि एवं उपहार वितरित करने की सूचना पर स्थगित किया था. यह मामला यह प्रदर्शित करता है कि तमिलनाडु में चुनावी राजनीति में किस हद तक धन-उपहार का प्रयोग होता है.
शुरू में मतदान 16 मई से 23 मई के लिए स्थगित किया गया था. 21 मई को चुनाव आयोग ने मतदान एक बार फिर 13 जून के लिए स्थगित करने का निर्णय किया.
तमिलनाडु में 16 मई को विधानसभा चुनाव हुआ था जब अन्नाद्रमुक लगातार दूसरी बार सत्ता में आयी. आयोग ने कहा कि उसने यह निर्णय पर्यवेक्षकों, केंद्रीय पर्यवेक्षकों, अरावकुरिचि और तंजावुर विधानसभा क्षेत्रों के पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट और चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों के प्र्रतिनिधित्व के बाद किया.
एक अधिकारी ने आयोग के आदेश को उद्धृत करते हुए कहा, ‘‘…आयोग इससे संतुष्ट है कि दो विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव प्रक्रिया उम्मीदवारों एवं राजनीतिक दलों द्वारा मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए धनराशि एवं अन्य उपहार पेशकश किये जाने के चलते दूषित हो गयी है और इस प्रक्रिया को आगे बढ़ने की इजाजत नहीं दी जा सकती. इसे रद्द होना चाहिए जिससे इन दो विधानसभा सीटों पर तब ताजा चुनाव नये सिरे से कराये जा सकें जब उचित समय बाद मुक्त एवं स्वतंत्र चुनाव कराने के लिए माहौल अनुकूल बन जाए.’
आयोग आमतौर पर ऐसा कड़ा कदम तब उठाता है जब इसके सबूत होते हैं कि मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए बाहुबल का इस्तेमाल किया गया है. हालांकि मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए धन के इस्तेमाल के बाद चुनाव रद्द करना अभी तक नहीं सुना गया है.
द्रमुक ने इस बीच आज एकबार फिर आयोग को अर्जी देकर अनुरोध किया कि अरावकुरिचि और तंजावुर विधानसभा सीटों के लिए मतदान रमजान के महीने और तमिलनाडु में राज्यसभा चुनाव के चलते छह जून से पहले कराये जाएं, 13 जून को नहीं.
द्रमुक ने चुनाव आयोग को मद्रास उच्च न्यायालय के उस निर्देश का उल्लेख किया जिसमें उसने दोनों विधानसभा सीटों के लिए मतदान की तिथि पर निर्णय 27 मई तक लेने की बात कही थी. द्रमुक ने कहा कि उसे अभी तक उस अनुरोध पर चुनाव आयोग का जवाब नहीं मिला है जो उसने पहले किया था.
द्रमुक के संगठन सचिव आर एस भारती ने मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी को दिये एक ज्ञापन में कहा, ‘‘हमें अपने अनुरोध के संबंध में आपसे अभी तक कोई जवाब नहीं मिला है, जिस पर प्राथमिकता से 27 मई से पहले विचार करने का आदेश दिया गया है जो कि कल था. इसलिए हम यह अनुस्मारक दे रहे हैं.’