कोलकाता. लोकसभा चुनाव होने में अभी काफी समय बाकी है, पर अभी से ही फेडरल फ्रंट की सुगबुगाहट आरंभ हो गयी है. केंद्र से भाजपा सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए एक फेडरल फ्रंट का आह्वान राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने किया है. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री के रूप में शुक्रवार को हुई ममता बनर्जी की ताजपोशी के कार्यक्रम में शामिल होने कोलकाता पहुंचे लालू प्रसाद ने कहा कि इस चुनाव में ममता बनर्जी को मिली जीत के लिए वह बिहार और महागंठबंधन की आेर से ममता बनर्जी को बधाई देते हैं.
राजद सुप्रीमो ने कहा : वक्त आ गया है कि सभी समान विचारधारावाली धर्मनिरपेक्ष पार्टियां सिर जोड़ कर बैठें आैर देश से भाजपा व संघ परिवार को उखाड़ फेंकने के लिए रणनीति तय करें. भाजपा व संघ परिवार को उखाड़ फेंकना लाजिमी हो गया है. इसके लिए हम सभी को बैठ कर आपस में विचार-विमर्श करना होगा. श्री यादव ने कहा कि अगर समय रहते हम लोग नहीं चेते, तो ये लोग देश के टुकड़े-टुकड़े कर देंगे. पर राजद सुप्रीमाे ने इस बात का खुलासा नहीं किया कि यह बैठक कब होगी,
उन्होंने केवल इतना बताया कि भाजपा विरोधी धर्मनिरपेक्ष दलों की यह बैठक जल्द ही होगी. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व उनकी सरकार ने अपने दो वर्ष के कार्यकाल में कुछ भी नहीं किया है. यह सरकार हर मोरचे पर नाकाम रही है. लालू प्रसाद के फेडरल फ्रंट का समर्थन करते हुए जम्मू व कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूख अब्दुल्ला ने कहा कि देश में फेडरल फ्रंट के गठन की जबरदस्त संभावना है.
किसी बड़ी आपदा के आने से पहले हमें तीसरी शक्ति तैयार करनी ही होगी. एक कदम आगे बढ़ाते हुए श्री अब्दुल्ला ने कहा कि अगर फेडरल फ्रंट वजूद में आता है, तो इसके नेतृत्व के लिए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी एक चेहरा हो सकती हैं. इस बारे में ममता बनर्जी से पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि वह पश्चिम बंगाल की जनता की कृतज्ञ हैं. बंगाल की जनता ने अगर उनका साथ नहीं दिया होता, तो आज वह दोबारा शपथ नहीं ले पातीं. यह दिन बेहद खुशी का दिन है. इतने बड़े-बड़े राष्ट्रीय नेता यहां आये हैं. जिसकी उन्हें बेहद खुशी है.
यह बंगाल का दिन है. सुश्री बनर्जी ने कहा कि वह एक बेहद साधारण इंसान हैं. अगर कोई मुझसे किसी प्रकार की मदद मांगता है तो वह मदद के लिए तैयार हैं. गौरतलब है कि शुक्रवार को ममता बनर्जी के शपथ ग्रहण समारोह में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग तोबगे, बांग्लादेश के उद्योग मंत्री आमिर हुसैन अमु, केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली, केंद्रीय शहरी विकास राज्य मंत्री बाबूल सुप्रीयो, डीएमके नेता कानीमोझी आदि भी शामिल हुए थे.