बिहार की तर्ज पर झारखंड के गिरिडीह जिले शराब बंदी को लेकर उठी चिंगारी अब ज्वाला का रूप लेने लगी है. इसमें महिलाओं की भागीदारी अधिक है.
महिलाएं अब सीधी कार्रवाई पर उतर गयी हैं. यही वजह है कि बगोदर प्रखंड से शुरू नशामुक्ति अभियान जिले के विभिन्न प्रखंडों में फैल गया है.इस अभियान को हर वर्ग का साथ मिल रहा है. अब हर गांव से शराब के खिलाफ आवाज उठने लगी है.
गिरिडीह : जिले के कई प्रखंडों में महुआ शराब ने कुटीर उद्योग का रूप ले रखा है. शराब के कारोबारी अवैध रूप से महुआ शराब की चुलाई व और बिक्री कर रहे हैं .
हालांकि कुछ वर्ष पूर्व भी इस जिले में शराबबंदी को लेकर अभियान चलाया गया था, लेकिन चंद दिनों के बाद यह अभियान शिथिल पड़ गया. सदर प्रखंड के बरहमोरिया, शीतलपुर, हिरण्यपुर समेत कई क्षेत्रों में महुआ शराब की चुलाई की जाती है. यहां से जिले के कई गांवों में इसकी सप्लाई भी होती है. लोग अपनी गाढ़ी कमाई के महत्वपूर्ण हिस्से को शराब में खर्च कर दे रहे हैं. ऐसे में उनके घरों की स्थिति खराब हो रही है. बच्चों व महिलाओं पर भी इसका बुरा असर पड़ रहा है.
सदर प्रखंड की महिलाओं ने शरारबंदी को लेकर नशा मुक्ति अभियान की शुरुआत की है. हालिया दिनों में पंचायत प्रतिनिधियों ने इस बीड़ा का उठाया है. अभियान के तहत पहले शराबियों को चेतावनी दी जा रही है. उसके बाद प्रशासन के सहयोग से सीधी कार्रवाई पर जोर दिया जा रहा है.