मेदिनीनगर : पलामू सहित पूरे झारखंड के युवाओं में ऊर्जा है, लेकिन ऊर्जा सकारात्मक दिशा में लगे तो समाज व राष्ट्र का भला हो, लेकिन ऐसा देखा जा रहा है कि युवा भटक कर वैसे राह में चले जा रहे हैं, जो राष्ट्र और समाज के लिए घातक है. इसकी एक वजह यह भी है कि युवाओं को उनकी क्षमता का आकलन कर सही दिशा और विकसित करने के लिए कोई उचित प्लेटफॉर्म नहीं है.
इसलिए अखिल भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिषद ने यह तय किया है कि वह युवाओं को सही दिशा देने के लिए कार्य करेगी. इसी कड़ी में मेदिनीनगर-रांची मार्ग पर दुबियाखांड के पास पूर्व सैनिकों ने द वरदी एकेडमी की स्थापना की है.
इसका उदघाटन 14 जून को होगा. यह जानकारी देते हुए परिषद के प्रदेश उपाध्यक्ष सह एकेडमी के संरक्षक कर्नल संजय कुमार सिंह ने कहा कि खासकर पलामू प्रमंडल के युवा की चाहत सेना, पुलिस व फोर्स में जाने की होती है. युवा मेहनत भी करते हैं, पर सही दिशा में मेहनत नहीं होने के कारण उन्हें अपेक्षित सफलता नहीं मिल पाती. इसलिए तमाम परिस्थितियों का अध्यन करने के बाद पूर्व सैनिकों ने द वरदी एकेडमी की स्थापना करने का निर्णय लिया, ताकि वे लोग युवाओं को बेहतर से बेहतर प्रशिक्षण देकर उन्हें इस योग्य बनायेंगे, ताकि वह आसानी से वह पुलिस, फोर्स व सेना की प्रतियोगिता परीक्षा में सफल हो सके. कर्नल श्री सिंह ने बताया कि वरदी एकेडमी में जो बच्चे प्रशिक्षित होंगे, उनके लिए पढ़ाई की व्यवस्था डेडिकेट एकेडमी में की गयी है.
एक बैच में 175 लोगों को प्रशिक्षण दिया जायेगा, इसमें 20 प्रतिशत सीट आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों के लिए आरक्षित रहेगा. जिन्हें एकेडमी नि:शुल्क प्रशिक्षण देगा. मौके पर भोलाशंकर पांडेय, परिषद के प्रमंडलीय सचिव वृजेश कुमार शुक्ला, प्रमंडलीय उपाध्यक्ष सुशील कुमार मंगलम, कृष्णा सिंह, सुरेंद्र सिंह, वृजकिशोर तिवारी आदि मौजूद थे.
बेहतर पहल : डेडिकेट एकेडमी के निदेशक इंजीनियर विनय मेहता ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि पलामू को नॉलेज सिटी में बदलने के लिए इस तरह की पहल जरूरी है. इस दिशा में पूर्व सैनिक परिषद ने जो पहल की है, वह सराहनीय है.