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बिहार : सीवान पत्रकार हत्याकांड मामले में हुई गिरफ्तारी, पढें किसने मारी गोली और…

पटना/सीवान : सीवान में पत्रकार राजदेव रंजन की हत्या के 12 दिन बाद पुलिस को बड़ी सफलता मिली. इस मामले की जांच के लिए गठित विशेष जांच दल (एसआइटी) ने पत्रकार को गोली मारनेवाले मुख्य शूटर रोहित समेत इस वारदात में शामिल पांच आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया. बुधवार को तड़के पुलिस ने सीवान के […]

पटना/सीवान : सीवान में पत्रकार राजदेव रंजन की हत्या के 12 दिन बाद पुलिस को बड़ी सफलता मिली. इस मामले की जांच के लिए गठित विशेष जांच दल (एसआइटी) ने पत्रकार को गोली मारनेवाले मुख्य शूटर रोहित समेत इस वारदात में शामिल पांच आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया. बुधवार को तड़के पुलिस ने सीवान के अलग-अलग स्थानों पर छापेमारी करके सभी पांच आरोपितों को गिरफ्तार किया. इनसे पूछताछ चल रही है.

हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं हो पाया या इस बात की पुष्टि नहीं हो पायी है कि पत्रकार राजदेव रंजन को किसके कहने पर गोली मारी गयी थी. यानी पत्रकार को मरवानेवाला वास्तविक रूप से कौन है, इसकी तहकीकात अभी जारी है. यह जानकारी एडीजी (मुख्यालय) सुनील कुमार ने पुलिस मुख्यालय और एसपी सौरभ कुमार साह ने सीवान में आयोजित प्रेस वार्ता में दी.

रोहित ने स्वीकारा, उसने ही मारी थी गोली
एडीजी ने कहा कि गिरफ्तार मुख्य शूटर रोहित ने हत्या करने की बात स्वीकार कर ली है, लेकिन किसके कहने पर गोली मारी थी, इसकी पूछताछ चल रही है. इस मामले में कुख्यात शूटर लड्डन मियां का नाम शुरू से ही चल रहा है. उसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस खासतौर से प्रयास कर रही है. इसकी गिरफ्तारी के बाद ही पूरे मामले का खुलासा हो पायेगा.

उन्होंने कहा कि लड्डन की गिरफ्तारी बेहद जरूरी है. यह भी माना जा रहा है कि लड्डन मियां ने ही पत्रकार की हत्या के लिए सुपारी दी थी. इससे पूरे मामले की तह में छिपी सच्चाई को उजागर करने में काफी मदद मिलेगी. यह पता चल पायेगा कि क्या लड्डन के कहने पर ही गोली मारी गयी थी. तहकीकात में कोई व्यक्ति विशेष मायने नहीं रखता है. जो आरोपित हैं, पुलिस उसे हर हाल में गिरफ्तार करेगी. इससे पहले भी गया और बिहारशरीफ के मामलों में किसी व्यक्ति विशेष का कोई मायने नहीं रखा था. आरोपित को गिरफ्तार किया गया था. गौरतलब है कि लड्डन मियां सीवान नगर थाने के रामनगर का रहनेवाला है, जो घटना की शाम से ही फरार है. वह पूर्व सांसद मो शहाबुद्दीन का खासमखास माना जाता है.

पिस्टल और तीन बाइक भी बरामद
एडीजी ने कहा कि इस मामले की तहकीकात अभी जारी है. अभी सिर्फ शूटर ही गिरफ्तार हुए हैं. उनके पास से घटना में इस्तेमाल किया गया हथियार और तीन मोटरसाइकिलें भी बरामद कर ली गयी हैं. गिरफ्तार विजय कुमार के चचेरे भाई सोनू के घर से बोरे के नीचे छिपा कर रखी 7.65 बोर की देसी पिस्टल व दो कारतूस बरामद किये गये हैं. इसी पिस्टल से पत्रकार की हत्या की गयी थी. हालांकि, बरामद हथियार की एफएसएल में बैलिस्टिक जांच के बाद ही यह स्पष्ट हो पायेगा कि इसी पिस्टल से ही गोली चली थी या नहीं. साथ ही बरामद मोटरसाइकिलों पर खून के धब्बे पाये गये हैं. इनकी भी एफएसएल जांच के बाद ही इसकी हकीकत सामने आयेगी. मोटरसाइकिल और हथियार से जुड़े ठोस नतीजे जांच रिपोर्ट के बाद ही आ पायेंगे.

सभी आरोपित सीवान के, कोई क्रिमिनल हिस्ट्री नहीं

गिरफ्तार पांचों आरोपित सीवान जिले के ही रहनेवाले हैं और वारदात को अंजाम देने के बाद ये इतने दिनों से यहीं छिपे हुए थे. रोहित कुमार सीवान नगर थाने के मलेशरी चौक निवासी है.

इसके अलावा राजेश कुमार (नगर थाने के बबुनिया रोड अड्डा नंबर दो निवासी), विशु कुमार (बड़ी पंचमंदिरा मोहल्ला निवासी), विजय कुमार व सोनू गुप्ता (दोनों शुक्ल टोली के रहनेवाले) हैं. पांचों आरोपितों की उम्र 20 से 25 साल के बीच है. इनमें अभी तक किसी का कोई आपराधिक रेकॉर्ड नहीं है. किसी पर कभी कोई अपराध या घटना को अंजाम देने की किसी तरह की सूचना पुलिस के पास नहीं है. कोई क्रिमिनल हिस्ट्री नहीं होने की वजह से इनकी कोई जानकारी पुलिस के पास नहीं है.

लड्डन िमयां अभी फरार,अबतक का घटनाक्रम

13 मई

पत्रकार राजदेव रंजन को मारी गोली, उपेंद्र सहित आधा दर्जन पुलिस की हिरासत में

14 मई

पैतृक गांव हकाम में अंतिम संस्कार, पत्रकारों का विरोध मार्च व शाम में कैंडल मार्च

15 मई

पूर्व सांसद शहाबुद्दीन के गांव प्रतापपुर के मुंशी मियां को पुलिस ने उठाया, पूछताछ

18 मई

मंडल कारा में शहाबुद्दीन से मिलने आये 63 मुलाकाती हिरासत में, 39 मोबाइल भी जब्त

19 मई

पूर्व सांसद मो शहाबुदीन सीवान मंडल कारा से भागलपुर केंद्रीय जेल भेजे गये.

20 मई

सीवान जेल से चंद्रशेखर हत्याकांड के सजायाफ्ता ध्रुव जायसवाल समेत सात मोतिहारी, बक्सर व गया जेल स्थानांतरित

25 मई

हत्याकांड का खुलासा, पांच गिरफ्तार, हत्या में प्रयुक्त पिस्टल व तीन बाइकें बरामद

तीन बाइकों से किया पीछा, रोहित ने मारी गोली, सोनू ने िपस्टल िछपायी

ऐसे घटना को दिया अंजाम

तीन बाइकों पर पांच-छह आरोपित पत्रकार राजदेव पर नजर बनाये हुए थे. एक बाइक पर लाइनर था, जो आगे चल रहा था. वह अकेला था. इसकी गिरफ्तारी अभी नहीं हो सकी है.

दो अन्य बाइकों में एक पर रोहित कुमार व राजेश कुमार बैठे थे. दूसरी बाइक पर विजय कुमार व रिशु कुमार थे.

शाम में जब राजदेव रंजन अपने कार्यालय से निकले, तभी बबुनिया मोड़ से ही इन अपराधियों ने उनका पीछा शुरू किया. बबुनिया रोड से स्टेशन की तरफ मुड़नेवाले तीराहे से दोनों बाइकों पर सवार अपराधी राजदेव के पीछे-पीछे चलने लगे.

जैसे ये फलमंडी के पास पहुंचे, रोहित ने पिस्टल निकाल कर फायरिंग की. चार गोलियां राजदेव के शरीर में उतारने के बाद उनके पास जाकर सिर के बीच में अंतिम गोली दाग दी.

इसके बाद सभी हत्यारे आंदर ढाला ओवरब्रिज के नीचे से होते हुए फरार हो गये. बाद में रोहित को लेकर विजय शुक्ल टोली स्थित घर चला गया, जहां विजय के चचेरे भाई सोनू पर दबाव बनाते हुए उसके निर्माणाधीन मकान में पिस्टल को छिपा कर वहां से भी सभी फरार हो गये.

नहीं बख्शे जायेंगे दोषी : नीतीश

पत्रकार हत्याकांड पर मुख्यमंत्री ने कहा कि दोषी किसी भी हाल में बख्शे नहीं जायेंगे. लोगों को सरकार व पुलिस पर भरोसा रखना चाहिए और लोगों का भरोसा भी है. कुछ लोगों को भरोसा नहीं हैं, वे बयान देते रहते हैं. पुलिस मामले की तह तक पहुंच रही है. कुछ को गिरफ्तार किया गया है और पूरे मामले के खुलासे में पुलिस कामयाब होगी. जो भी जिम्मेदार पाये जायेंगे, उन पर कड़ी कार्रवाई होगी.

सीबीआइ की शुरुआती जांच शुरू

इस मामले में सीबीआइ ने अपनी जांच शुरू कर दी है. सीबीआइ ने एफआइआर और अपडेट स्थिति को मंगवाया है. इसके बाद इसकी शुरुआती जांच-पड़ताल शुरू कर दी है. हालांकि, अभी तक सीबीआइ की कोई विशेष टीम इस मामले की जांच के लिए सीवान या राज्य के अन्य स्थानों पर नहीं आयी है. 16 मई को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मामले की सीबीआइ जांच का एलान किया था.

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