पटना : राज्य में भ्रष्टाचारियों के खिलाफ सख्त मुहिम चलाने के लिए निगरानी विभाग ने बड़े स्तर पर पहल शुरू कर दी है. इसके तहत सबसे पहले विशेष निगरानी इकाई (एसवीयू) में डीएसपी के खाली पड़े तीन पदों को भरा जा रहा है. 30 मई को इसके लिए इंटरव्यू होने जा रहा है.
एसवीयू के खाली पड़े इन पदों को भरने के लिए सीबीआइ के रिटायर्ड एसपी और एएसपी रैंक के अधिकारियों का इसके लिए इंटरव्यू लिया जायेगा. इसके लिए अब तक चार लोगों ने आवेदन किया है. सभी पदाधिकारी बिहार से बाहर के हैं. इस पद का साक्षात्कार लेने के लिए निगरानी विभाग के प्रधान सचिव विजय प्रकाश की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय चयन कमेटी का गठन किया है. इसमें डीजी (निगरानी ब्यूरो) रविन्द्र कुमार और एसवीयू के आइजी रतन संजय को सदस्य बनाया गया है. एसवीयू में बहाली की इस प्रक्रिया के पूरी होने के बाद निगरानी ब्यूरो में डीएसपी के खाली पड़े 26 पदों पर बहाली की प्रक्रिया शुरू की जायेगी. इसके लिए सेवानिवृत्त 72 डीएसपी ने अब तक आवेदन किया है.
गठित चयन समिति ही इस पद के लिए आवेदन करने वाले सभी पदाधिकारियों का इंटरव्यू लेने के बाद बहाल करेगी. इसकी प्रक्रिया जून महीने के शुरुआत में संपन्न होगी. एसवीयू और निगरानी ब्यूरो में खाली पड़े डीएसपी के सभी पदों के भरे जाने के बाद डीए और ट्रैप के लंबित पड़े सभी मामलों की सुनवाई तेजी से हो सकेगी.
आय से अधिक संपत्ति के मामले में निगरानी में 55 मामले लंबित पड़े हुए हैं. कई मामलों में अभी तक चार्जशीट तक दायर नहीं हो पायी है. कई मामले 4-5 साल से लंबित पड़े हुए हैं. इसके अलावा 11 मामले ऐसे हैं, जो हाईकोर्ट
में रिव्यू केे लिए लंबित पड़े हुए हैं. अधिकारियों की बहाली होने से सभी मामलों में तेजी से कार्रवाई हो सकेगी.
इनके लिए गठित स्पेशल कोर्ट में मामलों की सुनवाई तेजी से होने से आरोपियों को सजा जल्द मिल सकेगी और भ्रष्टाचारियों की संपत्ति भी जब्त हो सकेगी. इससे पहले भी निगरानी पूर्व डीजी नारायण मिश्रा जैसे कई भ्रष्ट अधिकारियों की संपत्ति जब्त कर चुका है.