मोबाइल फोन ने हमारी जिंदगी में जगह बना ली है़ आजकल शिक्षण संस्थाओं में भी मोबाइल फोन का प्रचलन बढ़ रहा है. अध्यापक हो या छात्र, सब सोशल साइट्स पर लगे रहते हैं.
ऐसा करने से अन्य कार्य व पढ़ाई बाधित होती है. शिक्षण संस्थाओं में मोबाइल पर प्रतिबंध केवल छात्रों के लिए ही नहीं बल्कि अध्यापकों के लिए भी होना चाहिए. नयी तकनीक का प्रयोग करना कोई बुरी बात नहीं है, लेकिन इसका इस्तेमाल जरूरत से ज्यादा करना नुकसानदेह है.
रंजीत कु सिंह, धनबाद