मुजफ्फरपुर : नगर निगम के 75 फीसदी नालों के उड़ाही के दावे को शहर के लोगों ने कागजी करार दिया है. फेसबुक पर इससे संबंधित सवाल पर लोगों ने निगम के काम पर सवाल खड़े किये. अनिल कुमार अरुण ने लिखा, निगम की सच्चई कल सामने आ चुकी है. सामाजिक कामों में भाग लेनेवाले अविनाश रंजन ने कहा, सारे दावे हवा-हवाई हैं. वरिष्ठ शिक्षिका अनीता सिंह का कहना है कि शहर नर्क बन गया है. हमारी गली में नाव चलने की स्थिति बन गयी है. बाल संरक्षण अधिकार आयोग के सदस्य डॉ किंजल्क ने लिखा कि नाले जाम हैं.
मारवाड़ी युवा मंच के प्रिंशु मोदी लिखते हैं कि कहना ही तो है, निगम कुछ भी कह सकता है. समजीत डे कहते हैं कि नाला सफाई के बाद कचरा सड़क पर क्यों रखते हैं निगम वाले? आकांक्षा सेवा सदन की ओर से कहा गया कि ये बिल्कुल गलत दावा है. स्कूल संचालक प्रमोद कुमार, अमित सिंह, सामाजिक कार्यकर्ता पिंकू शुक्ला, सोनू पांडेय, शंभू प्रसाद साहू का भी कहना है कि नालों की उड़ाही नहीं हुई है. कवि पंकज कुमार बंसत ने भी निगम के दावे पर सवाल उठाये. भाजपा नेता मनीष कुमार का कहना है कि नगर निगम की कुछ लोगों ने हालत बदतर कर दी है. नाले की उड़ाही पर सुदर्शन प्रकाश, सुमनकांत झा, मनीष कुमार, अमित आनंद, तमन्ना हासमी व सुधीर कुमार सिंह ने भी सवाल उठाये.