श्री यादव ने कहा कि यह प्रस्ताव वित्त मंत्री के यहां सात माह से लंबित है़ विधि विभाग से इसकी मंजूरी दी जा चुकी है. मंत्रिमंडल समन्वय विभाग की तरफ से कई बार इस संबंध में कार्मिक प्रशासनिक और राजभाषा सुधार विभाग को पत्र लिखा गया है. सात अक्तूबर 2015 को यह संचिका वित्त मंत्री के अनुमोदन के लिए भेजी गयी है, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई.
इससे कर्मियों में रोष है. महासंघ के महामंत्री जावेद ने बताया कि विलंब होने के कारण ही हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया गया है. कर्मियों के हड़ताल पर जाने से समाहरणालय में कामकाज बाधित रहेगा. उन्होंने बताया कि कई बार सरकार को इसकी सूचना दी जा चुकी है.