लाहौर: पाकिस्तान की एक आतंकवाद रोधी अदालत ने कहा कि साल 2008 के मुंबई हमला मामले में आरोपी लश्कर ए तैयबा के ऑपरेशन कमांडर जकी उर रहमान लखवी और छह अन्य लोगों पर हमले में मारे गए 166 लोगों में प्रत्येक की हत्या के लिए उकसाने का अलग-अलग आरोप लगेगा.अदालत के एक वरिष्ठ अधिकारी ने निचली अदालत के फैसले का हवाला देते हुए बताया कि सात आरोपियों पर प्रत्येक व्यक्ति की हत्या के लिए उकसाने का अलग अलग.आरोप लगेगा. हालांकि, अधिकारी ने बताया कि अदालत ने इस सिलसिले में संदिग्धों से जिरह की इजाजत नहीं दी है.
अभियोजन ने करीब दो महीने पहले एटीसी इस्लामाबाद में एक अर्जी देकर अनुरोध किया था कि नरसंहार में मारे गए प्रत्येक व्यक्ति की हत्या के लिए उकसाने का उनके खिलाफ आरोप लगाया जाए. अभियोजन और बचाव पक्ष के वकीलों द्वारा आरोपों में संशोधन करने की याचिका पर दलील पूरी करने के बाद निचली अदालत ने मार्च में फैसला सुरक्षित रख लिया था.अभियोजन ने हमले में मारे गए लोगों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट शामिल किए जाने का भी अनुरोध किया था. अभियोजन ने कहा था कि भारत से मुंबई हमलों के प्रत्येक मृतक की पोस्टमार्टम रिपोर्ट भेजे जाने को कहा जाना चाहिए जबकि बचाव पक्ष के वकीलों ने इसका विरोध किया था. इस बीच, मुंबई हमला मामले में देर हुई क्योंकि पिछली सात सुनवाइयों में कोई कार्यवाही नहीं हुई. मामले की अगली सुनवाई 25 मई को होनी है. पाकिस्तानी अधिकारी मामले में देर को लेकर भारत को जिम्मेदार ठहराते हुए कह रहे हैं कि वे तब तक आगे नहीं बढ सकते जब तक कि भारत सरकार गवाहों को बयान दर्ज कराने के लिए पाकिस्तान नहीं भेजती.