पटना: केंद्र बिजली के मामले में बिहार का हक मार रहा है. सेंट्रल पुल से बिहार को आवंटित पूरी बिजली नहीं मिल रही है. सेंट्रल पुल से बिहार को रोजाना 3003 मेगावाट बिजली आवंटित है, लेकिन मई में किसी भी दिन पूरी बिजली नहीं मिली. बिजली कंपनी खुले बाजार से बिजली खरीद कर आपूर्ति कर रही है. बाजार से खरीदने के बाद भी लोगों को पर्याप्त बिजली नहीं मिल रही है.
रखरखाव के नाम पर पूरे राज्य में खूब बिजली काटी जा रही है. सेंट्रल सेक्टर से करीब हजार मेगावाट बिजली प्रतिदिन बिहार को नहीं मिल रही. राज्य में रोजाना 4000 मेगावाट बिजली की खपत है. लेकिन कभी भी पूरी बिजली लोगों को नहीं मिलती है. जब भी एनटीपीसी का कोई यूनिट ब्रेक डाउन होता है राज्य में बिजली की कमी हो जाती है. पावर होल्डिंग कंपनी को बाजार से मंहगे दर बिजली खरीद कर आपूर्ति करना पड़ता है.
पीक आवर में बाजार में दो गुनी दर पर बिजली की खरीद होती है. राज्य का अपना उत्पादन काफी कम है. कांटी से कभी 190 तो कभी 90 मेगावाट बिजली मिलती है. बिजली संकट का सबसे अधिक असर सूबे के ग्रामीण इलाके में देखने को मिलता है. पावरकट से इस गरमी में काफी दिक्कत हो रही है. बच्चे गरमी छुट्टी का भी मजा नहीं ले पा रहे हैं. सेंट्रल पुल से इस महीने 75 फीसदी से अधिक बिजली किसी दिन नहीं मिली.
बिज
ली कंपनी का तर्क होता है कि उपभोक्ता को दिक्कत नहीं हो, इसलिए बाजार से बिजली खरीद कर आपूर्ति कर रहे हैं. औसतन रोजाना बिजली कंपनी को 1000 मेगावाट बिजली बाजार से खरीदना पड़ रहा है.
रखरखाव के नाम पर काटी जा रही बिजली
मांग
4000 मेगावाट
आपूर्ति
3200-3300 मेगावाट
सेंट्रल पुल से आवंटन
3003 मेगावाट
उपभोक्ता
70 लाख के करीब
किस दिन कितनी बिजली मिली
दिनांक सेंट्रल पुल आपूर्ति
17 मई 2079 3497
16 मई 1925 3165
13 मई 2227 3260
11 मई 2017 3247
10 मई 2145 3485
दिनांक सेंट्रल पुल आपूर्ति
9 मई 2318 3408
7 मई 2530 3620
6 मई 2516 3716
4 मई 2353 3543
(मेगावाट में)