पटना : राजधानी पटना के सबसे बड़े अस्पताल पीएमसीएच में जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल से स्थिति चिंताजनक हो गयी है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अबतक इलाज के अभाव में 9 मरीजों की मौत हो चुकी है. स्थिति की गंभीरता को देखते हुए राज्य मानवाधिकार आयोग ने जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल से हो रही मौतों पर स्वतः संज्ञान लिया है. वहीं दूसरी ओर हड़ताल का तीसरा दिन होने की वजह से मरीजों में त्राहीमाम् की स्थिति है. स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव ने डॉक्टरों से हड़ताल को समाप्त करने की अपील की. तेजस्वी यादव की अपील का डॉक्टरों पर कोई असर नहीं दिखा. वहीं दूसरी ओर पीजी डॉक्टरों ने घूम-घूम कर वार्डों में काम बंद कराया.
नौ मरीजों की मौत
मीडिया में चल रही खबरों के मुताबिक आज एक इमरजेंसी वार्ड में एक बुजुर्ग की मौत हो गयी. मरीज के परिजनों ने आरोप लगाया है कि ऑक्सीजन के अभाव में मौत हुई है. इससे पहले भी कई मरीजों की जान जा चुकी है.कई विभागों में गंभीर अवस्था में मरीज इलाज के आभाव में तड़प रहे हैं. मरीज के परिजनों द्वारा धरना-पर्दशन और विरोध के बाद भी डॉक्टरों का दिल नहीं पसीजा है.स्थिति इतनी खराब है कि स्ट्रेचर से लेकर मरीजों को इधर-उधर ले जाने का काम भी परिजनों को काफी दिक्कत से करना पड़ रहा है. गरमी की वजह से भारी संख्या में मरीजों की भीड़ अस्पताल पहुंच रही है. लेकिन डॉक्टरों के हड़ताल की वजह से इलाज नहीं हो पा रहा है.मंगलवार की सुबह जहानाबाद जिले से इलाज के लिये आये एक 17 वर्षीय हेपेटाईसिस बी के मरीज की इलाज के अभाव में मौत हो गयी. गत 6 दिनों से पीएमसीएच में इलाज चल रहा था.
वार्डों में मरीजों की स्थिति दयनीय
हड़ताल के बाद डॉक्टरों ने मरीजों को देखना बंद कर दिया उसके बाद उसकी मौत हो गयी.मंगलवार को भारी संख्या में मरीज पीएमसीएच से निकलकर निजी अस्पतालों में जा रहे हैं. पीएमसीएच में अफरा-तफरी का माहौल है. जिसे जहां ईलाज की संभावना दिखायी दे रही है. वह मरीजअपने परिजनों के साथ वहीं जा रहा है. गौरतलब हो कि मरीज के परिजनों और डॉक्टरों की बीच विवाद के बाद जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर चले गये हैं.