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जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर, ओपीडी ठप
जेएलएनएमसीएच जूनियर डॉक्टर मंगलवार की सुबह से ही हड़ताल पर चले गये. इससे हॉस्पिटल की ओपीडी सेवा प्रभावित हो गयी. हालांकि इमरजेंसी चिकित्सा सेवाएं पूर्ववत रही जिससे स्थिति ज्यादा भयावह नहीं हुई. हड़ताल की वजह व ठीक से इलाज नहीं होने के कारण एक मासूम समेत तीन मरीजों की मौत हो गयी. भागलपुर : पटना […]
जूनियर डॉक्टर मंगलवार की सुबह से ही हड़ताल पर चले गये. इससे हॉस्पिटल की ओपीडी सेवा प्रभावित हो गयी. हालांकि इमरजेंसी चिकित्सा सेवाएं पूर्ववत रही जिससे स्थिति ज्यादा भयावह नहीं हुई. हड़ताल की वजह व ठीक से इलाज नहीं होने के कारण एक मासूम समेत तीन मरीजों की मौत हो गयी.
भागलपुर : पटना मेडिकल काॅलेज एंड हॉस्पिटल में साथी चिकित्सकों की हुई पिटाई और बाद में पुलिस द्वारा किये लाठी चार्ज के विरोध में जूनियर डॉक्टर डॉ अमित कुमार की अगुवाई में मंगलवार को सुबह-सुबह हड़ताल का एलान कर दिया गया. इस हड़ताल में इंटर्न, पीजी व अन्य चिकित्सकों समेत करीब 100 चिकित्सक शामिल हैं. डॉ अमित ने बताया कि मंगलवार को सिर्फ ओपीडी की सेवाएं ठप की गयी. लेकिन अगर मांगें नहीं मनी
तो बुधवार से इमरजेंसी सेवाओं का भी बहिष्कार किया जायेगा. हड़ताल से ओपीडी बिल्डिंग से लेकर विभाग लगभग सूने रहे. जूनियर चिकित्सकों की अनुपस्थिति में सीनियर्स चिकित्सकों ने मरीजों का इलाज किया. ओपीडी बंद होने के कारण ज्यादातर मरीजों को घर लौटना पड़ा. इनमें से ज्यादातर मरीज दूर-दराज के थे. बांका से इलाज के लिए आयी दुलारी देवी व किरन देवी ने बताया कि डॉक्टर से दिखाने के लिए वे भोर में ही घर से निकली थी. यहां पहुंची तो पता चला कि हड़ताल है. गोड्डा, झारखंड से आयी ममता देवी ने बताया कि उन्हें कई दिनों से बुखार चढ़-उतर रहा था. कई डॉक्टरों को दिखाया लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. यहां हड़ताल शुरू हो गया. अब तो समझ में नहीं आ रहा है कि कहां जायें और किसको दिखायें. नवगछिया निवासिनी पुष्पा देवी को पेट में दर्द की शिकायत थी. लेकिन हड़ताल के कारण उन्हें वापस लौटना पड़ रहा है. भीखनपुर के मोनू कुमार काे बीते दिन एक कुत्ते ने काट लिया था. वे एआरवी(एंटी रैबीज इंग्जेक्शन) लगवाने के लिए आये थे. अब हड़ताल शुरू हो गया तो वापस जाना पड़ा.
ओपीडी से मायूस लौटे मरीज
ओपीडी में मंगलवार को 832 नये और 212 पुराने मरीजों ने अपना-अपना रजिस्ट्रेशन कराया. लेकिन हड़ताल के कारण सुबह दस बजे के बाद मरीजों को नहीं जांचा गया. मानसिक रोग विभाग में महज 20 मरीज ही जांचे जा सके जबकि सर्जरी में एक भी मरीजों का आपरेशन नहीं हुआ.
सेंट्रल और कैंप जेल में छह डॉक्टरों को पदस्थापित किया गया
भागलपुर : भागलपुर स्थित शहीद जुब्बा सहनी केंद्रीय कारा में चार और कैंप जेल में दो डॉक्टर को पदस्थापित किया गया है.
शहीद जुब्बा सहनी में इन्हें पदस्थापित किया गया : – डॉ Àराज कमल, À डॉ मुकेश कुमार, डॉ शशि भूषण, À डॉ शैलेंद्र कुमार
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