1230 प्रतिभागियों को लिखित परीक्षा में किया गया था सफल घोषित
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अनियमितता को ले चर्चा में हैं कार्यपालक सहायक परीक्षा
1230 प्रतिभागियों को लिखित परीक्षा में किया गया था सफल घोषित सुपौल : जिला प्रशासन द्वारा आयोजित कार्यपालक सहायक की जांच परीक्षा में बरती गयी अनियमितता जहां सवालों के घेरे में है. वहीं जिले भर में चर्चा का विषय बना हुआ है. प्रतिभागियों से लेकर अभिभावकों द्वारा सिर्फ एक ही प्रश्न उठाया जा रहा है […]
सुपौल : जिला प्रशासन द्वारा आयोजित कार्यपालक सहायक की जांच परीक्षा में बरती गयी अनियमितता जहां सवालों के घेरे में है. वहीं जिले भर में चर्चा का विषय बना हुआ है. प्रतिभागियों से लेकर अभिभावकों द्वारा सिर्फ एक ही प्रश्न उठाया जा रहा है कि विभागीय निर्देशानुसार आवेदन लेकर चयन की प्रक्रिया प्रारंभ की गयी. इस दौरान कई प्रवेश पत्रों में त्रुटि रहने का मामला भी सामने आया. बावजूद इसके विभाग सजग नहीं हुए.
आखिरकार परीक्षा का आयोजन किया गया, जहां परीक्षा के उपरांत 1230 प्रतिभागियों को लिखित परीक्षा में सफल घोषित किया गया. विभागीय निर्देशानुसार समाहरणालय स्थित टीसीपी भवन में सभी सफल अभ्यर्थियों के बीच टाइपिंग प्रतियोगिता करायी गयी. परीक्षा होने के बाद जिला प्रशासन द्वारा औपबंधिक मेधा सूची तैयार किया गया. इस सूची में 354 अभ्यर्थियों का लिस्ट जारी कर दिया गया.
मेधा सूची जारी होने के बाद जतायी आपत्ति
मेधा सूची जारी होने के साथ ही सैकड़ों अभ्यर्थियों ने परीक्षा में बरती गयी अनियमितता का आरोप लगाया. साथ ही कई दिनों तक असफल रहे सैकड़ों प्रतिभागी व्यक्तिगत रूप से जिला कार्यालय पहुंच कर अपनी आपत्ति दर्ज कराया, लेकिन विभाग द्वारा किसी प्रकार का सुधि नहीं लिये जाने पर वे सभी एकजुट होकर विरोध भी जताया. इसके बाद प्रशासन सजग हुए और पुन: जांच कराये जाने की बात कही. साथ ही जिला प्रशासन ने इस मामले पर कार्रवाई करते हुए जांच की प्रक्रिया को दोहराया. इसके उपरांत 519 अभ्यर्थियों को सफल घोषित कर दिया गया. यहां तक कि पूर्व में सफल हुए 354 प्रतिभागियों में से तकरीबन 122 सफल प्रतिभागियों का नाम छटनी कर बांकी परिणाम घोषित कर दिया.
बिना आपत्ति दर्ज कराने वाले प्रतिभागी को भी मिली मेधा सूची में जगह
प्रतिभागियों ने बताया कि जिला प्रशासन द्वारा कार्यपालक सहायकों की जारी सूची में कुछ ऐसे भी नाम शामिल है. जिन्होंने अपना आपत्ति दर्ज नहीं कराया था. बावजूद इसके मेधा सूची में उनका नाम जोड़ कर प्रकाशित कर दिया गया है. साथ ही कई ऐसे अभ्यर्थियों के आपत्ति जताने पर भी किसी प्रकार की सुनवाई नहीं की गयी है. अब सवाल उठना लाजिमी है कि पहले 354, फिर 519 और मंगलवार को 30 अन्य नामों की घोषणा.
सैकड़ों अभ्यर्थियों ने डीएम से किया अनुरोध
कार्यपालक सहायकों की चयन प्रक्रिया जिला प्रशासन के लिए नासूर बन चुकी है. मामले को लेकर मंगलवार को सैकड़ों कार्यपालक सहायक अभ्यर्थियों ने समाहरणालय स्थित टीसीपी भवन पहुंचे, जहां जिला पदाधिकारी बैद्यनाथ यादव से मिल कर समस्याओं से अवगत कराया. समस्या सुनने के उपरांत डीएम ने अभ्यर्थियों को बिना किसी सूचना मौखिक रूप से 30 अन्य अभ्यर्थियों का नाम घोषित कर दिया. फरियाद लेकर पहुंचे सभी प्रतिभागियों ने डीएम के इस नीति से खफा होकर न्यायालय के शरण में जाने की बात कही.
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