पटना : केंद्रीय मंत्री और लोजपा प्रमुख रामविलास पासवान ने बिहार में गया जिला में आदित्य सचदेवा हत्याकांड में फरार सत्ताधारी पार्टी जदयू से निलंबित विधान पार्षद मनोरमा देवी को पुलिस द्वारा गिरफ्तार किये जाने के बजाये उनके आत्मसमर्पण करने पर आज कटाक्ष करते हुए इस प्रदेश में कानून तोड़ने वाले वीआइपी का बिहार सरकार से सांठ-गांठ है.
पटना में आज पत्रकारों से बातचीत करते हुए रामविलास ने गया जिला में आदित्य सचदेवा हत्याकांड में फरार सत्ताधारी पार्टी जदयू से निलंबित विधान पार्षद मनोरमा देवी के आत्मसमर्पण करने पर आरोप लगाया कि सत्ताधारी दल के जो भी विधायक, पार्षद या नेता गिरफ्तार या आत्मसमर्पण करते हैं उनके साथ वीआइपी ट्रीटमेंट होता है. जब से महागठबंधनकीसरकार बनी है अपराधियों का कद ऊंचा हो गया है.
पासवानने सीवान में पत्रकार राजदेव रंजन हत्या मामले में राजद के बाहुबली नेता जेल में बंद मो. शहाबुद्दीन की भूमिका होने की चर्चा के बारे में आरोप लगाया कि जब शहाबुद्दीन का नाम आता है तो प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) बगल झांकने लगते हैं क्योंकि उन्हें मालूम है कि प्रदेश में सत्ताधारी एक पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य है और उनके समक्ष जेल में प्रदेश के मंत्री ‘सलामी’ देते हैं. ऐसे में डीजीपी क्या करेंगे.
बिहार में लगातार हो रही हत्या पर प्रदेश में राष्ट्रपति शासन की मांग करने वाले रामविलास ने राज्य सरकार के राजदेव हत्याकांड की जांच सीबीआइ से अनुशंसा किये जाने पर पूछा कि क्या इससे पत्रकार राजदेव रंजन वापस लौट आएंगे.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अपने विपक्षियों की आलोचनाओं को खारिज करते हुए शराबबंदी को लेकर अपने देश भ्रमण से प्रदेश में गवर्नेंस के नहीं प्रभावित होने का दावा किये जाने के बारे में पूछे जाने पर रामविलास ने पूछा कि गया में आदित्य, सीवान में राजदेव और उनके संसदीय क्षेत्र हाजीपुर में किसलय की हत्या की घटना क्या है? क्या यही कानून के राज और सुशासन है?