वैज्ञानिक अध्ययन के अंतर्गत आर्थिक, सामाजिक, राजनैतिक, सांस्कृतिक तथा सामाजिक इतिहास की विवेचना प्रस्तुत किया. डॉ संजय कुमार सुमन ने कहा कि इतिहास निरतंरता का प्रतीक है. परिचर्चा में डॉ सुनचना राय, प्रणव कुमार, डॉ कहकशा, डॉ सीमा कुमारी, डॉ आराधना एंव डॉ गुड़िया ने भी अपने विचार रखे. इस दौरान परिचर्चा छात्रा अजरा जमाल, सलोनी कुमारी, प्रियंका कुमारी, श्वेता, गजाला प्रवीण, मनीष दीक्षित, प्रीति जायसवाल, अनुज्ञा सिंह, नितम, अनु वर्मा आदि मौजूद रही.
Advertisement
इतिहास से रूबरू हुईं एमडीडीएम कॉलेज की छात्राएं
मुजफ्फरपुर. एमडीडीएम कॉलेज के इतिहास विभाग में इतिहास लेखन दशा और दिशा पर परिचर्चा का आयोजन किया गया. अध्यक्षता विभाग की एचओडी डॉ कल्पना झा ने की. उन्होंने इतिहास की धाराओं व सोच को प्रस्तुतीकरण किया. साथ ही प्राचीन इतिहास लेखन से लेकर पोस्ट मार्डन तक पर अपने विचार प्रस्तुत किए. छात्राओं को हिस्टोरियोग्राफी की […]
मुजफ्फरपुर. एमडीडीएम कॉलेज के इतिहास विभाग में इतिहास लेखन दशा और दिशा पर परिचर्चा का आयोजन किया गया. अध्यक्षता विभाग की एचओडी डॉ कल्पना झा ने की. उन्होंने इतिहास की धाराओं व सोच को प्रस्तुतीकरण किया. साथ ही प्राचीन इतिहास लेखन से लेकर पोस्ट मार्डन तक पर अपने विचार प्रस्तुत किए.
छात्राओं को हिस्टोरियोग्राफी की जानकारी देते हुए ग्रीक रोमन, चाइनीज तथा मध्य कालीन यूरोप एवं इस्लामिक इतिहासकारों के विचारों की जानकारी दी. कहा कि इतिहास समय का वह हरकारा है जो अतीत के रथ पर सवार होकर वर्तमान और भविष्य की संभावनाओं को संवारता और प्ररेणा देता है. मुख्य वक्ता के रूप में प्रो पंकज राय ने छात्राओं को इतिहास को विस्तार पूर्वक बताया. उन्होंने अर्थ, काल विभाजन, स्रोतों की विश्वसनीयता उसका वैज्ञानिक पक्ष पर पर प्रकाश डाला. कहा कि किसी भी तत्कालीन व्यवस्था के वैज्ञानिक अध्ययन को इतिहास कहते है.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement