चंपई साेरेन ने कहा झामुमाे ने लाेकतांत्रिक तरीके से बंद का आह्वान किया आैर जनता से सहयोग लेकर उसे पूरी तरह से सफल बनाया, जबकि पुलिस ने हिंसात्मक रुख अपनाते हुए बल प्रयाेग किया, बल्कि समर्थकों को फरजी मामले दर्ज कर जेल भेजा. श्री सोरेन ने कहा कि सरकार लोकतांित्रक मूल्यों की रक्षा करने में असफल रही है. आम जनता को झूठे आश्वासन देकर केंद्र और राज्य सरकार खनिज संपदा का दाेहन कर रही है.
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स्थानीयता नीति की वापसी तक जारी रहेगा आंदाेलन
जमशेदपुर : झामुमाे के केंद्रीय उपाध्यक्ष चंपई साेरेन (विधायक) ने कहा कि रघुवर सरकार जब तक स्थानीयता नीति वापस नहीं लेती है, तब तक आंदाेलन जारी रहेगा. 14 के बंद को सभी वर्ग, समुदाय, संस्थान-प्रतिष्ठान ने समर्थन देकर साबित किया है कि जो स्थानीयता नीति परिभाषित की गयी है, वह मूलवासी-आदिवासी भावना के खिलाफ है. […]
जमशेदपुर : झामुमाे के केंद्रीय उपाध्यक्ष चंपई साेरेन (विधायक) ने कहा कि रघुवर सरकार जब तक स्थानीयता नीति वापस नहीं लेती है, तब तक आंदाेलन जारी रहेगा. 14 के बंद को सभी वर्ग, समुदाय, संस्थान-प्रतिष्ठान ने समर्थन देकर साबित किया है कि जो स्थानीयता नीति परिभाषित की गयी है, वह मूलवासी-आदिवासी भावना के खिलाफ है. रविवार काे निर्मल गेस्ट हाउस में संवाददाता सम्मेलन में श्री साेरेन ने कहा कि केंद्रीय कार्यसमिति की जल्द बैठक कर स्थानीयता नीति पर अगली रणनीति तय की जायेगी.
चंपई साेरेन ने कहा झामुमाे ने लाेकतांत्रिक तरीके से बंद का आह्वान किया आैर जनता से सहयोग लेकर उसे पूरी तरह से सफल बनाया, जबकि पुलिस ने हिंसात्मक रुख अपनाते हुए बल प्रयाेग किया, बल्कि समर्थकों को फरजी मामले दर्ज कर जेल भेजा. श्री सोरेन ने कहा कि सरकार लोकतांित्रक मूल्यों की रक्षा करने में असफल रही है. आम जनता को झूठे आश्वासन देकर केंद्र और राज्य सरकार खनिज संपदा का दाेहन कर रही है.
संवाददाता सम्मेलन में जिलाध्यक्ष रामदास साेरेन, पूर्व सांसद कृष्णा मार्डी, पूर्व विधायक सनातन माझी, राजू गिरी, माेहन कर्मकार, लालटू महताे, झायुमाे जिलाध्यक्ष महावीर मुर्मू, प्रमाेद लाल, कालू गाेराई, विनाेद डे, अजय रजक, सुनील कुमार महताे, चंद्रवती महताे, प्रीतम हेंब्रम, फजल खान, अनवर अली, विनाेद डे, नांटू सरकार, समेत अन्य कार्यकर्ता माैजूद थे.
जनता से बड़ा कोई नहीं : कुणाल षाड़ंगी
पार्टी के केंद्रीय प्रवक्ता सह बहरागाेड़ा के विधायक कुणाल षाड़ंगी ने कहा कि 14 के बंद के बाद सरकार को इन नीित के खिलाफ आक्रोश का आभास हो गया होगा. अब सरकार स्थानीयता नीति जल्द वापस ले, वरना अगली बार उग्र आंदाेलन होगा. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में जनता से बड़ा काेई नहीं है, इसका अहसास समय-समय पर देश की जनता ने सत्ता पर काबिज लोगों को करवाया है. आपातकाल लगानेवालाें काे भी जनता ने ही आैकात बता दी थी. एेसे में रघुवर सरकार को अब भी चेत जाना चाहिए. स्थानीयता नीति वापस लेने पर शीघ्र फैसला लेना चाहिए.
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