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राज्य के 11 हजार चिकित्सक आज नहीं करेंगे काम

जिले के सदर अस्पताल, पीएचसी, सीएचसी व निजी क्लिनिक के ओपीडी रहेंगे बंद राज्य में मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने की मांग को लेकर आंदोलनरत हैं चिकित्सक धनबाद : मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने की मांग को लेकर राज्य भर के 11 हजार चिकित्सक सोमवार को कार्य बहिष्कार करेंगे़ चिकित्सकों के कार्य बहिष्कार का सीधा […]

जिले के सदर अस्पताल, पीएचसी, सीएचसी व निजी क्लिनिक के ओपीडी रहेंगे बंद

राज्य में मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने की मांग को लेकर आंदोलनरत हैं चिकित्सक
धनबाद : मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने की मांग को लेकर राज्य भर के 11 हजार चिकित्सक सोमवार को कार्य बहिष्कार करेंगे़ चिकित्सकों के कार्य बहिष्कार का सीधा असर सरकारी व गैर सरकारी अस्पतालों में आनेवाले मरीजों पर पड़ेगा़ निजी क्लिनिक में भी चिकित्सीय परामर्श नहीं मिल पायेगा़ हालांकि एसोसिएशन ने अस्पतालों में इमरजेंसी व पोस्टमार्टम को इससे अलग रखा है़ इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (अाइएमए) व झारखंड राज्य हेल्थ सर्विसेज एसोसिएशन (झासा) ने कार्य बहिष्कार का आह्वान किया है.
धनबाद में आइएमए के 600 चिकित्सक अांदोलन में शामिल
प्रमुख मांगे
मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट लागू होÀ चिकित्सकों को नियमित नियुक्ति व प्रोन्नति मिले À नये मेडिकल कॉलेज खोले जायें À मेडिकल कॉलेज के चिकित्सकों को डीएसीपी का लाभ मिले À पदस्थापन पर चिकित्सकों को आवास मिले À बिजली व सुरक्षा की व्यवस्था मिले
इमरजेंसी व पोस्टमार्टम आंदोलन से मुक्त
आइएमए के प्रदेश अध्यक्ष डॉ एके सिंह व धनबाद सचिव डॉ सुशील कुमार ने बताया कि कार्य बहिष्कार में सभी सरकारी व निजी अस्पतालों में ओपीडी सेवा बंद रहेगी. धनबाद में आइएमए के लगभग छह सौ चिकित्सक आंदोलन में शामिल होंगे. हालांकि मानवता के आधार पर इमरजेंसी को इससे मुक्त रखा जायेगा. पोस्टमार्टम बाधित नहीं होगा. पीएमसीएच सहित सभी स्वास्थ्य केंद्र का ओपीडी बंद रखने का निर्णय लिया गया है.
इस बाबत एक प्रतिनिधिमंडल पीएमसीएच में जाकर डॉक्टरों से मिला.
पदाधिकारियों ने बताया कि मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट देश के 18 राज्यों में लागू है. इन राज्यों के डॉक्टर सुरक्षित महसूस कर रहे हैं. लेकिन झारखंड में लागू नहीं होने से तोड़फोड़, चिकित्सकों के साथ मारपीट व हत्या आदि घटनाएं हो रही हैं. हाल ही में गोड्डा में महिला चिकित्सक को सड़क पर घसीटकर पीटा गया. पुलिस से शिकायत करने पर भी कोई न्याय नहीं मिल रहा है. डॉ सिंह ने कहा कि पिछले वर्ष 2015 में गुमला में डॉ आरबी चौधरी की हत्या कर दी गयी थी.
इसके बाद सरकार ने एक्ट लागू करने का आश्वासन दिया था. लेकिन अभी तक इसे लागू नहीं किया गया. आंदोलन के दौरान आम गंभीर मरीज परेशान नहीं हो, इसका ख्याल रखेंगे. मुख्य मकसद सरकार को उसके किये गये वायदे याद दिलाना है.

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