जम्मू : आतंकी अब्दुल रहमान की गिरफ्तारी पर आज सेना की ओर से प्रेस कॉन्फ्रेंस किया गया जिसमें मेजर जनरल जेएस नैन ( जीओसी, बारामुला) ने जानकारी दी कि सेना और जेकेपी के एसओजी के संयुक्त अभियान में हमने शनिवार को पाकिस्तानी आतंकी को गिरफ्तार किया था. आतंकी का संबंध जैश-ए-मोहम्मद से है. इस अभियान की योजना दो महीने से बनाई जा रही थी, हम उसकी गतिविधियों पर नजर बनाए हुए थे.
नैन ने बताया कि आतंकी अब्दुल रहमान ने पूछताछ के क्रम में बताया है कि उसे बारामुला, सोपोर और नजदीकी इलाके में जैश-ए-मोहम्मद के लिए लोगों को भर्ती करने की जिम्मेदारी दी गई थी. वह फिदाइन हमलावरों को तैयार करके भारत को दहलाने के फिराक में था. नैन ने कहा कि उसके पास से जो आधार कार्ड प्राप्त हुआ है उसकी जांच चल रही है. जांच के बाद पता चलेगा आधार कार्ड फर्जी है या असली. यदि कार्डअसलीहुआ तो यह सचमुच चिंता का विषय है.
सेना की ओर से जानकारी दी गई कि आतंकी रहमान ने बालाकोट कैंप में ट्रेनिंग ली जो पुंछ इलाके (पाकिस्तान के कब्जे वाला इलाका) में है. आइएसआइ ने उसे ट्रेनिंग दी थी. आतंकी अपने चार साथियों के साथ जनवरी महीने में भारत में घुसा. पिछले दो महीने में वह सात बार बारामुला आया था.
आपको बता दें कि सुरक्षाबलों को शनिवार को उस वक्त बड़ी सफलता मिली जब जम्मू-कश्मीर के बारामूला से जैश कमांडर अब्दुल रहमान उनके हत्थे चढा. गिरफ्तारी के बाद सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि आंतकी के पास से आधार कार्ड बरामद हुआ है. गिरफ्तार आतंकी अब्दुल रहमान के आधार कार्ड में उसका नाम शबीर अहमद खान बताया गया है और पिता का नाम गुलाम रसूल खान है. बरामद कार्ड का नंबर 647856225315 है.
पुलिस फिलहाल आधार कार्ड की सत्यता की जांच में लगी हुई है. संभव है कि यह कार्ड फर्जी भी हो सकता है. इस बीच जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले में पहाड़पुर और चूरगली इलाके में आतंकियों की घुसपैठ को लेकर रेड अलर्ट जारी किया गया है.