रेलवे रैक प्वाइंट. गरमी, जाड़ा व बरसात में कच्चा माल भगवान भरोसे
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राजस्व करोड़ों का, सुविधा शून्य
रेलवे रैक प्वाइंट. गरमी, जाड़ा व बरसात में कच्चा माल भगवान भरोसे रेलवे को करोड़ों का राजस्व देने वाले पूिर्णया जंकशन के रेलवे रैक प्वाइंट पर कारोबारियों व मजदूरों के लिए मूलभूत सुविधा भी नहीं है. पूर्णिया : पूर्णिया जंक्शन स्थित रेलवे रैक प्वाइंट की सूरत आठ वर्षों बाद भी नहीं बदल सकी है. विडंबना […]
रेलवे को करोड़ों का राजस्व देने वाले पूिर्णया जंकशन के रेलवे रैक प्वाइंट पर कारोबारियों व मजदूरों के लिए मूलभूत सुविधा भी नहीं है.
पूर्णिया : पूर्णिया जंक्शन स्थित रेलवे रैक प्वाइंट की सूरत आठ वर्षों बाद भी नहीं बदल सकी है. विडंबना यह है कि यहां पेयजल से लेकर जनसुविधा तक का अभाव है. हर रोज यहां अनाज व अन्य उपयोगी सामानों का रैक लगता है और हर वर्ष करोड़ों की आमदनी रेलवे को होती है. पिछले आठ वर्षों में यहां के कारोबारियों के लिए न तो रोड की व्यवस्था हुई और न ही इस रैक प्वाइंट पर कार्यरत मजदूरों तथा अनाज लेकर आने वाले किसान, व्यापारी एवं वाहन चालकों के लिए मूलभूत सुविधाओं की व्यवस्था हो पायी है.
हालात यह है कि यहां गर्मी, जाड़ा और बरसात के दिनों में करोड़ों का कच्चा माल भगवान भरोसे लोड और अनलोड होता है. खुले आसमान के नीचे सैकड़ों मजदूर काम करने को विवश हैं.
विस्तार बाद उठी थी मांग
वर्ष 2008 में कटिहार-जोगबनी रेलखंड के बड़ी रेल लाइन में परिवर्तन के समय रेल रैक प्वाइंट का भी विस्तार हुआ था. उस समय भी रेलवे द्वारा व्यापारिक कारोबार करने वाले लोगों द्वारा वहां अनाज की सुरक्षा को लेकर रोड निर्माण एवं शौचालय एवं पेयजल की व्यवस्था को लेकर अधिकारियों से मांग रखी गयी थी. तब से लेकर अब तक आठ वर्ष बीत चुके हैं, लेकिन रैक प्वाइंट की सूरत में कोई बदलाव नजर नहीं आया है.
यहां अन्य सुविधा की बात ही करना बेमानी है. हर वर्ष रैक प्वाइंट पर खाद, अनाज, मक्का, चीनी, सीमेंट आदि के कारोबार से जुड़े कारोबारियों को लाखों का नुकसान उठाना पड़ता है. रैक प्वाइंट पर कार्यरत मजदूरों के अनुसार रोड के अभाव में रैक लगने के बाद चावल, चीनी, सीमेंट, खाद आदि खुले आसमान के नीचे रखना पड़ता है.
हर वर्ष होती है करोड़ों में कमाई
वर्ष 2012-13 में जहां पूर्णिया रैक प्वाइंट पर 242 रैक अनाज आया, वहीं 2013-14 में 296 तथा 2015-16 में अब तक 176 रैक अनाज, सीमेंट, प्याज, खाद तथा चीनी आ चुका है. आउट बोर्ड में वर्ष 2012-13 में 53 रैक, 2014-15 में 36 रैक तथा 2015-16 में अब तक 56 रैक मक्का, धान आदि का कारोबार हो चुका है. ताजा आंकड़ों के अनुसार पूर्णिया रैक प्वाइंट से रेलवे को वर्ष 2012-13 में 01,88,272,909 रूपये, वर्ष 2014-15 में 13,16,08,084 तथा वर्ष 2015-16 में अब तक 22,72,27,020 रुपये की आमदनी रेलवे को हो चुकी है. वर्ष 2014 में तत्कालीन जीएम आरके सिंह विर्दी पूर्णिया
जंक्शन स्थित प्लेटफॉर्म नंबर 01 का उदघाटन करने पहुंचे थे. तब कटिहार रेल मंडल के डीआरएम अरुण कुमार शर्मा एवं सांसद संतोष कुशवाहा भी उदघाटन में शामिल थे. उस समय भी कारोबारी विक्की बेंगानी, रेलवे सलाहकार समिति के सदस्य राजकुमार यादव, समाजसेवी लाल बहादुर यादव ने रैक प्वाइंट पर रैन बसेरा, रोड व शौचालय निर्माण को लेकर आवेदन सौंपा था. लेकिन आज तक उस दिशा में कोई कार्रवाई नहीं हुई है.
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