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झारखंड में 44. 36 लाख भूमिहीन कृषक श्रमिक

रांची : देश में भूमिहीन कृषि श्रमिकों की संख्या 14. 43 करोड़ है़ वहीं झारखंड में 44़ 36 लाख भूमिहीन कृषि श्रमिक है़ं असंगठित कामगार सुरक्षा अधिनियम के तहत केंद्र सरकार ऐसे श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करेगी़ इस मद में 5721़ 42 करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे़ . राज्यसभा सांसद परिमल नथवाणी के सवाल […]

रांची : देश में भूमिहीन कृषि श्रमिकों की संख्या 14. 43 करोड़ है़ वहीं झारखंड में 44़ 36 लाख भूमिहीन कृषि श्रमिक है़ं असंगठित कामगार सुरक्षा अधिनियम के तहत केंद्र सरकार ऐसे श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करेगी़ इस मद में 5721़ 42 करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे़ .

राज्यसभा सांसद परिमल नथवाणी के सवाल पर केंद्र श्रम और रोजगार राज्यमंत्री बंडारु दत्तात्रेय ने यह जानकारी दी़ केंद्र सरकार ने बताया कि वर्ष 2001 की जनगणना के अनुसार, भूमिहीन कृषि श्रमिकों की संख्या 10़ 67 करोड़ थी़ वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार यह संख्या बढ़कर 14. 43 करोड़ हो गयी़ केेंद्र सरकार द्वारा उपलब्ध करायी गयी जानकारी के अनुसार, देश में सबसे ज्यादा 1. 99 करोड़ भूमिहीन कृषि श्रमिक उत्तर प्रदेश में है़ं इसके बाद 1़ 83 करोड़ भूमिहीन श्रमिक बिहार में है़ं.

वर्ष 2001 की तुलना में वर्ष 2011 में इन दो राज्यों में भूमिहीन कृषि श्रमिकों की संख्या में बढ़ोतरी भी इन्हीं दोनों राज्यों में हुई है़ .

सांसद श्री नथवाणी ने केंद्र सरकार से असंगठित कृषि श्रमिकों और कामगारों की संख्या में हो रही वृद्धि और उनके सामाजिक सुरक्षा के लिए चलाये जा रहे कार्यक्रम को लेकर सवाल पूछा था़ राज्यसभा में केंद्रीय मंत्री ने बताया कि असंगठित क्षेत्रों के मजदूरों के लिए नौ योजनाएं तैयार की गयी है़ इन योजनाओं में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धा पेंशन, राष्ट्रीय परिवार लाभ योजना, जननी सुरक्षा योजना, हथकरघा बुनकर समग्र कल्याण योजना, हस्तशिल्प कारीगर समग्र कल्याण योजना, मास्टर शिल्पकारों के लिए पेंशन योजना, मछुआरों के लिए कल्याण एवं प्रशिक्षण योजना, आम आदमी बीमा योजना और राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना शामिल है़ं

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