धांधली उजागर . खेतों में गन्ना लगा नहीं, बन गया वाउचर
Advertisement
करोड़ों के घोटाले की थी तैयारी
धांधली उजागर . खेतों में गन्ना लगा नहीं, बन गया वाउचर किसानों के बयान को दर्ज कर तैयार किया गया रेकॉर्ड गोपालगंज : खेत में पहली बार गन्ना विकास विभाग के मंत्री खुर्शीद उर्फ फिरोज अहमद गन्ने की वास्तविकता जानने पहुंचेे थे, जहां किसानों ने अनुदान में धांधली की पोल खोल दी. यह दो केस […]
किसानों के बयान को दर्ज कर तैयार किया गया रेकॉर्ड
गोपालगंज : खेत में पहली बार गन्ना विकास विभाग के मंत्री खुर्शीद उर्फ फिरोज अहमद गन्ने की वास्तविकता जानने पहुंचेे थे, जहां किसानों ने अनुदान में धांधली की पोल खोल दी. यह दो केस स्टडी महज नमूना भर हैं. मंत्री जहां-जहां गये, वहां-वहां परत-दर-परत धांधली सामने आयी.
किसानों के नाम पर फर्जी आवेदन तैयार कर 2.17 करोड़ रुपये का घोटाला करने की योजना लिये मार्च से राशि की निकासी कर बैंक के खाते में रखा गया था. जब मंत्री के सामने मामला खुलने लगा, तो मौजूद अधिकारियों ने तत्काल कार्यालय पहुंच कर रेकॉर्ड को जब्त कर लिया.
जांच के दौरान ईखायुक्त ने पाया कि बिना आवेदन के ही सहायक निदेशक ने किसानों के नाम पर सूची तैयार कर बिना बिल वाउचर के फर्जीवाड़ा करते हुए ट्रेजरी से राशि की निकासी करा ली. जांच में यह भी पाया गया कि रोकड़पाल ने कई जगह सहायक निदेशक को लिखित सूचना दी, लेकिन उसे अनसुना कर दिया गया, जो घोटाले की पृष्ठभूमि को उजागर करता है.
रोकड़पाल से अधिकारियों ने की घंटों पूछताछ : ईखायुक्त एवं अधिकारियों ने रोकड़पाल कुंदन कुमार एवं अन्य कर्मियों से घंटों पूछताछ की. पूछताछ के दौरान पाया गया कि ज्वाइंट डायरेक्टर मुख्यालय शंभु प्रसाद सिंह एवं सहायक निदेशक रवींद्र प्रसाद के दबाव में आकर बिना आवेदन के किसानों की सूची ट्रेजरी से पास करायी गयी.
हालांकि इसकी लिखित जानकारी भी वरीय अधिकारियों को दी गयी. कुंदन कुमार ने बताया कि जान-बूझ कर बैंक से राशि ट्रांसफर के लिए भी मना कर दिया था.
धांधली में लिप्त लोगों पर होगी कार्रवाई : मंत्री : गन्ना उद्योग विभाग के मंत्री खुर्शीद उर्फ फिरोज अहमद ने पत्रकारों को बताया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सपनों के अनुरूप किसानों को उनका हक दिलाने के लिए सरकार किसानों के दरवाजे तक पहुंची. किसानों ने जो जानकारी दी है उनमें बड़े पैमाने पर धांधली उजागर हुई है. इस धांधली में शामिल अधिकारियों पर प्राथमिकी दर्ज कर कड़ी कार्रवाई की जायेगी. पूरे प्रकरण की उच्चस्तरीय जांच की जा रही है.
खेत में पहुंचे मंत्री तो परत दर परत खुलने लगी धांधली
केस स्टडी 2 :- तिरविरवा के किसान ने मंत्री के समक्ष बताया कि उन्हें नहीं पता कि गन्ना कब बोये हैं. यानी बिना गन्ना बाये ही इनके नाम पर फर्जी आवेदन तैयार कर अनुदान के लिए जमा कर दिया गया था.
केस स्टडी 1 :- आज तक नहीं की गन्ने की खेती
भीतभेरवा के लाजपत भगत के पुत्र विमल भगत के नाम पर मुख्यमंत्री गन्ना विकास योजना के तहत अनुदान के लिए आवेदन दिया गया था. आवेदन लेकर भीतभेरवा जांच करने गये गन्ना उद्योग विभाग के मंत्री खुर्शीद उर्फ फिरोज अहमद एवं गन्ना आयुक्त ग्रिजेंद्र प्रसाद सिन्हा, संयुक्त ईखायुक्त एसएन लाल पहुंचे,
तो विमल ने बताया कि उसे महज पांच कट्ठा जमीन है और आज तक गन्ना नहीं लगाया है और न ही किसी आवेदन पर हस्ताक्षर किया है. अनुदान की जानकारी भी नहीं है.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement