जमालपुर : पिछले वर्ष 2012 के 9 अप्रैल को लौह नगरी जमालपुर के एक हाहाकारी घटना ने पूरे शहर को झकझोर दिया था. उस दिन मासूम आदित्य के शव की बरामदगी के साथ ही शहर धधक उठा था तथा जाति धर्म एवं विरादरी से अलग होकर लोगों ने आदित्य की हत्या एवं उसके साथ किये गये कुकृत्यों का विरोध किया था. तब पुलिस ने घटना को अंजाम देने तीन में से एक आरोपित मनीष मंडल उर्फ नेपाली मंडल को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था.
घटना के लगभग चार वर्ष बाद शनिवार को मुंगेर के एडीजे पांच ज्योति स्वरूप श्रीवास्तव द्वारा नेपाली मंडल को फांसी की सजा सुनाई गयी जिसे स्थानीय लोगों ने न्याय की जीत बताई है. समाजवादी पार्टी जिलाध्यक्ष पप्पू यादव ने कहा कि चार वर्ष बाद कानून ने एक बार अपराध के विरुद्ध जो खप्तफ पैदा किया है, उससे पीडि़त परिवार को न्याय तो मिला, परंतु दुर्भग्य है कि इस हत्या में शामिल कई आरोपी फरार है, जो पुलिस व न्याय के लिए एक चुनौती है.
पूर्व वार्ड पार्षद राजीव नायक ने कहा कि न्याय की जीत हुई. न्यायपालिका के प्रति लोगों की आस्था भी बढ़ी. इस प्रकार के फैसले से न केवल अपराधियों को सजा मिलेगी बल्कि इस प्रकार की घटना पर रोक भी लगेगी. 74 के सेनानी विनय कुमार साव ने कहा कि फांसी की सजा से न्याय के प्रति लोगों का विश्वास बढ़ा है. इस प्रकार के अपराध करने वालों के विरुद्ध एक एक संदेश भी है. प्रदीप कुमार साहु ने कहा कि देर से ही सही कानून ने अपना फैसला सुनाया है, परंतु जब तक इस कांड के अन्य आरोपी को भी सजा नहीं मिल जाती, न्याय अधूरा है.