सिलीगुड़ी: उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज हमेशा से ही सवालों के घेरे में रहा है. इस बार एनाटॉमी विभाग की प्रमुख सुदेशना मजुमदार सवालों के कटघरे में खड़े हैं. एक निजी प्रकाशन कंपनी द्वारा कॉलेज में एक क्वीज प्रतियोगिता कराने का आरोप उन पर लगा है. मेडिकल कॉलेज प्रबंधन की मनाही के बाद भी जबरन विद्यार्थियों को इस प्रतियोगिता में शामिल कराने को लेकर विभाग प्रमुख पर विभिन्न तरह के आरोप लग रहे हैं.
मेडिकल कॉलेज में इस घटना को लेकर जोर शोर से चरचा की जा रही है. उनपर आर्थिक लाभ के लिए सरकारी नियम का उल्लंघन कर इस प्रतियोगिता को आयोजित करने का आरोप लग रहा है.आरोप लगाने वालों का कहना यह भी है कि उन्होंने एक निजी प्रकाशन कंपनी को लाभ पहुंचाने की कोशिश की है.
उल्लेखनीय है कि गुरूवार को उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज के एनाटॉमी विभाग में एक निजी प्रकाशन कंपनी की ओर से एक क्वीज प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. विभाग प्रमुख सुदेशना मजुमदार ने क्लास रोककर विद्यार्थियों को जबरन इस प्रतियोगिता में शामिल होने के लिए कहा. इस प्रतियोगिता में उन्होंने विभाग किसी भी अन्य सदस्य को शामिल नहीं किया.
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पिछले सप्ताह ही इस प्रतियोगिता का आयोजन होना था. इसकी जानकारी मिलने के बाद मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य ने इस पर पाबंदी लगा दी थी. इसके बाद विभाग प्रमुख ने इस प्रतियोगिता को आयोजित कराने के लिये काफी हाथ-पैर मारे, लेकिन कुछ भी हासिल नहीं हुआ. सरकारी निर्देशानुसार सरकारी संस्थानो में गैर सरकारी संस्थानों का कार्यक्रम आयोजित नहीं कराया जा सकता. यहां तक सरकारी मेडिकल कॉलेज या अस्पतालों के चिकित्सकों से मिलने के लिये मेडिकल रिपरजेन्टेटिव(एमआर) के मिलने का समय तक निर्धारित कर दिया गया है.गुरूवार को भोजन के बाद विभाग प्रमुख सुदेशना मदुमदार ने क्लास रोककर विद्यार्थियों को अन्य एक हॉल में जाने को कहा. इस हॉल में प्रकाशन कंपनी के सदस्य भी मौजूद थे.
विद्यार्थियों को प्रश्नपत्र के साथ उत्तर पत्र दिया गया. विद्यार्थियों ने प्रश्नों को हल किया. प्रश्नपत्र पर भी उस उस कंपनी का नाम अंकित था. इस संबध में एनाटॉमी विभाग प्रमुख सुदेशना मजुमदार से संपर्क करने पर वह भड़क उठी. उन्होंने मेडिकल कॉलेज के अन्य चिकित्सक व अधिकारियों पर सवाल खड़ा किया है. इस प्रतियोगिता के विषय पर उन्होंने कहा कि ऐसा कुछ भी नहीं हुबा, बल्कि विद्यार्थियों को कुछ प्रश्न हल करने के लिये दिये गये थे. ये प्रश्न विद्यार्थियों के आगामी परीक्षा के लिए आवश्यक हैं.
मामले की जांच जारी
मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डा. समीरचंद्र घोष राय ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है. उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज के डीन डा. मैत्री कर ने बताया कि सरकारी निर्देशानुसार सरकारी मेडिकल कॉलेज में इस तरह के प्रतियोगिता का आयोजन नहीं हो सकता. प्रबंधन की मनाही के बाद भी विभाग प्रमुख ने इसका आयोजन कर नियमों की अनदेखी की है.