परिवर्तन. पहले जहां चलते थे मयखाने, वहां अब बिकने लगीं दवाएं, दूध की भी होने लगी बिक्री
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शराब कारोबारियों ने बदला व्यवसाय
परिवर्तन. पहले जहां चलते थे मयखाने, वहां अब बिकने लगीं दवाएं, दूध की भी होने लगी बिक्री हाजीपुर : जहां पहले शराब बिक रही थी, वहां अब दवा और दूध की बिक्री हो रही है. शराबबंदी के बाद कारोबारी अब तेजी से अपना कारोबार बदल रहे हैं. कहीं दूध-दही तो कही दवा की दुकानेें खुल […]
हाजीपुर : जहां पहले शराब बिक रही थी, वहां अब दवा और दूध की बिक्री हो रही है. शराबबंदी के बाद कारोबारी अब तेजी से अपना कारोबार बदल रहे हैं. कहीं दूध-दही तो कही दवा की दुकानेें खुल रही हैं. समाज में आये इस सकारात्मक बदलाव को लोग आशा भरी निगाह से देख रहे हैं. लोगों को आशा है कि यह एक बड़े बदलाव की शुरुआत है.
मिलेंगी आयुर्वेदिक दवाएं : नगर के बागमली मुहल्ले में अंजानपीर चौक के निकट पूर्व में चल रही एक विदेशी शराब की दुकान में अब आयुर्वेदिक दवाएं मिलेगी. आइएमसी, निराला हर्बल इंडिया के नाम से खोले गये नये प्रतिष्ठान में अब आयुर्वेदिक दवाओं के माध्यम से लोगों की सेहत सुधारी जा रही है.
प्रतिष्ठान के प्रोपराइटर सुभाष कुमार निराला का कहना है कि जिलावासियों को कम पैसे में कारगर और हानिरहित इलाज उपलब्ध कराने के उद्देश्य से यह आयुर्वेदिक प्रतिष्ठान खोला गया है. नगर पार्षद एवं राजद के नगर अध्यक्ष श्री निराला ने नीतीश सरकार के शराबबंदी के फैसले को ऐतिहासिक और स्वागत योग्य बताते हुए कहा कि इससे पैसे की बरबादी रुकेगी और लोगों का स्वास्थ्य भी सुधरेगा.
पूर्ण शराबबंदी का दिखने लगा सकारात्मक असर : पूर्ण शराबबंदी का चौतरफा असर दिखने लगा है. शराब के कारोबार से जुड़े लोग भी अपने व्यवसाय का ट्रेंड बदलने लगे हैं. शहर के स्टेशन रोड स्थित शराब की दुकान में अब सुधा डेयरी का काउंटर खुल गया है. शराब व्यवसायी अरुण कुमार राय ने शराबबंदी के बाद अपना नया व्यवसाय शुरू करने के लिए दूध-दही बेचने का निश्चय किया और सुधा डेयरी का बिक्री केंद्र खोलने के लिए पटना कॉम्फेड में आवेदन दिया.
आज उस शराब की दुकान में दूध, दही, लस्सी और मिठाइयां बिक रही हैं. सुधा डेयरी का बिक्री केंद्र खोलने के लिए लाइसेंस देने में भी शराब विक्रेताओं को प्राथमिकता दी जा रही है. मालूम हो कि राज्य में शराबबंदी की घोषणा के साथ ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शराब विक्रेताओं को शराब के बदले दूध, दही या ऐसे उत्पाद बेचने की सलाह दी थी, जो जन स्वास्थ्य के लिए भी लाभप्रद हो और उनकी आजीविका भी आबाद रहे. आज शराब व्यवसायी इस ओर रुख करने लगे हैं. जिन दुकानों में शराब बेची जा रही थी, आज वहां दूध, दही और दवाएं मिल रही हैं.
अगल-बगल के दुकानदारों में छायी खुशी
एक बड़े बदलाव की हुई शुरुआत
शराबबंदी से रुकी पैसों की बरबादी
लोगों का सुधरने लगा स्वास्थ्य
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