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अब लोक शिकायतों के निबटारे में आयेगी तेजी

सरकार ने जिला एवं अनुमंडल स्तर पर लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी किया तैनात छह जून से लागू हो जायेगा बिहार लोक शिकायत अधिकार अधिनियम छपरा (सदर) : बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम छह जून,2016 से लागू हो जायेगा. इसके तहत अधिकतम 60 कार्य दिवसों में आम जनों की शिकायतों का निबटारा शिकायत निवारण पदाधिकारियों […]

सरकार ने जिला एवं अनुमंडल स्तर पर लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी किया तैनात

छह जून से लागू हो जायेगा बिहार लोक शिकायत अधिकार अधिनियम
छपरा (सदर) : बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम छह जून,2016 से लागू हो जायेगा. इसके तहत अधिकतम 60 कार्य दिवसों में आम जनों की शिकायतों का निबटारा शिकायत निवारण पदाधिकारियों को जिले में तीन स्तर पर करना होगा. इसके लिए सरकार ने जिला एवं अनुमंडल स्तर पर लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी की तैनाती कर दी है.
एडीएम जिला जन शिकायत निवारण पदाधिकारी बनाये गये : सरकार ने सारण के एडीएम राजेश कुमार को जिला स्तरीय लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी का प्रथम अपीलीय प्राधिकार प्रमंडलीय आयुक्त को द्वितीय अपीलीय प्राधिकार तथा संबंधित विभागीय सचिव, प्रधान सचिव तथा पुनर्रीक्षण प्राधिकार विभागीय जांच आयुक्त होंगे. द्वितीय अपीलीय प्राधिकार जिला पदाधिकारी को बनाया है.
वहीं सारण में अनुमंडल स्तर पर अनुमंडलीय लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी बनाये गये है. जो वरीय उपसमाहर्ता स्तर के हैं. इनमें छपरा सदर के अनुमंडलीय लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी, प्रदीप कुमार झा, मढ़ौरा के लिए अजय कुमार मिश्रा तथा धर्मेंद्र कुमार को सोनुपर का अनुमंडलीय लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी नियुक्त किया है.
"500 तक दंड का प्रावधान : डीपीआरओ बीके शुक्ला के अनुसार लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी या प्रथम अपीलीय प्राधिकार द्वारा बिना किसी पर्याप्त कारण के निर्धारित समय सीमा के अंदर सुनवाई एवं निवारण का अवसर प्रदान करने में विफलता के आलोक में द्वितीय अपीलीय प्रधिकार द्वारा न्यूतम पांच सौ रुपये तक दंड अधिरोपित किया जा सकता है. अधिरोपित दंड की राशि की वसूली संबंधित पदाधिकारी के वेतन से की जायेगी.
कैसे करें जनशिकायत : जनशिकायत करनेवाले व्यक्ति परिवाद का निवारण प्रपत्र एक तथा सादे कागज में अपना परिवाद संबंधित लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी के कार्यालय में जमा करा सकता है. परिवाद, डाक, इमेल, एसएमएस, ऑन लाइन पोटल, कॉल सेंटर के माध्यम से भी दर्ज कराया जा सकता है.
परिवाद की सुनवाई हेतु किसी भी प्रकार के शुल्क का भुगतान नहीं करना है. इस अधिनियम के तहत समय सीमा के अंदर मामले की सुनवाई नहीं करने का निर्णय से असंतुष्ट होने की स्थिति में प्रथम द्वितीय अपील या पुनर्रीक्षण का प्रावधान किया गया है. इस अधिनियम के तहत किसी लोक सेवक, सेवारत या सेवानिवृत्त के सेवा मामलों से संबंधित मामला या कोई ऐसा मामला, जिसमें किसी न्यायालय या अधिकरण की अधिकारिता हो, से संबंधित शिकायत शामिल नहीं की जायेगी.
इस अधिनियम को लागू कराने के लिए जिला अनुमंडल एवं प्रखंड स्तरीय पदाधिकारियों को कार्यशाला के माध्यम से प्रशिक्षित किया जा रहा है.

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