कुआं, चापाकल, नदी-नाले सभी सूख चुके हैं. जगह-जगह जल संचयन के लिए सरकारी तालाबों के साथ-साथ निजी तालाबों के गहरीकरण एवं डोभा निर्माण तो जारी हैं, लेकिन यह कार्य मनरेगा के अलावा अन्य दूसरी योजनाएं बनाकर युद्ध स्तर पर करने की आवश्यकता है. उन्होंने मंत्री- पेयजल और स्वच्छता विभाग से मांग की कि राज्य सरकार से परामर्श कर विशेष पैकेज की अविलंब घोषणा की जाये. उधर, केंद्र सरकार ने आश्वासन दिया है कि राज्य सरकार के साथ मिलकर इस संकट के निपटा जाएगा. जिससे निश्चित तौर पर बेहतर रिजल्ट सामने आयेगा.
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संसद में गूंजा दलमा का जल संकट
जमशेदपुर. दलमा में पानी के अभाव में मर रहे जीव-जंतुओं का मुद्दा संसद में उभर चुका है. सांसद विद्युत वरण महतो ने मंगलवार को शून्यकाल में सवाल के दौरान अपने संसदीय क्षेत्र के जल संकट का मुद्दा उठाया. जमशेदपुर संसदीय क्षेत्र में पानी की समस्या को लोकसभा में उठाने के क्रम में उन्होंने कहा कि […]
जमशेदपुर. दलमा में पानी के अभाव में मर रहे जीव-जंतुओं का मुद्दा संसद में उभर चुका है. सांसद विद्युत वरण महतो ने मंगलवार को शून्यकाल में सवाल के दौरान अपने संसदीय क्षेत्र के जल संकट का मुद्दा उठाया.
जमशेदपुर संसदीय क्षेत्र में पानी की समस्या को लोकसभा में उठाने के क्रम में उन्होंने कहा कि दलमा का तो बुरा हाल है, यह क्षेत्र पहाड़ी है और आम आदमी के साथ जीव-जंतु भी पानी के बिना मर रहे हैं.
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