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फौजियों की शराब से घरों में सज रहे रोज मयखाने

डुमरांव : सरकार पूर्ण शराबबंदी के लिए लाख उपाय कर ले, लेकिन प्रखंड की पंचायतों में तू डाल-डाल, मैं पात-पात वाली कहावत चरितार्थ हो रही है़ बिहार में जब से पूर्ण शराबबंदी लागू हो गयी है, तभी से फौजियों की चांदी हो गयी है़ खासकर रिटायरमेंट फौजी, तो शराबबंदी का मौखल उड़ा दिये है़ं फौजी […]

डुमरांव : सरकार पूर्ण शराबबंदी के लिए लाख उपाय कर ले, लेकिन प्रखंड की पंचायतों में तू डाल-डाल, मैं पात-पात वाली कहावत चरितार्थ हो रही है़ बिहार में जब से पूर्ण शराबबंदी लागू हो गयी है, तभी से फौजियों की चांदी हो गयी है़ खासकर रिटायरमेंट फौजी, तो शराबबंदी का मौखल उड़ा दिये है़ं फौजी दानापुर कैंटीन से शराब सस्ते रेट पर लाकर मुंह मांगी कीमत पर बेंच रहे हैं. शराबियों को भी शराब इन लोगों से आसानी से मिल जा रही है़

अंगरेजी शराब के लिए शराबी सबसे सुरक्षित जगह मान रहे है़ं सूत्रों की मानें, तो क्षेत्र में बड़ी संख्या में फौजियों की फौज है़ प्रत्येक गांव में एक दर्जन से अधिक युवक फौज में कार्यरत है़ं उतना ही फौज से सेवानिवृत्त हो कर गृहस्थ जीवन व्यतीत कर रहे है़ं जब से शराबबंदी कानून लागू है, इन लोगों की चांदी हो गयी है़ कैंटीन से शराब कभी नहीं लानेवाले फौजी, अब शराब दानापुर कैंट से लाकर रम 600 सौ एवं विस्की 1000 हजार रुपये में बेच रहे है़ं

मिलती है सील टूटी बोतल : शराब की बोतल खरीदने और बेचने का तौर तरीका बदल गया है़ पहले सिल बोतल मिलती थी, लेकिन अब फौजियों के पास सिल टूटी बोतल मिल रही है़ पहले शराब के शौकीन सिल लगा बोतल देख कर ही खरीदते थे, लेकिन अब शराबी सिल टूटी बोतल खरीद कर सेवन कर रहे है़ं
क्या कहते हैं शराब के शौकीन : शराब के शौकिनों ने नाम नहीं छापने के शर्त पर बताया कि फौजियों द्वारा सिल टूटी बोतल दी जा रही है़ वे उन्हीं लोगों के माध्यम से दे रहे हैं, जिनको जानते व पहचानते हैं. फौजियों के विश्वास पर सिल टूटी बोतल खरीदा जा रहा है़ क्योंकि फौजियों का ही कहना है कि दानापुर कैंट से ही सिल तोड़ कर शराब की बोतल निर्धारित कोटा के तहत दी जा रही है़

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