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प्रशांत किशोर का फॉर्मूला कांग्रेस को पसंद नहीं?

नयी दिल्ली : उत्तर प्रदेश में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी या उनकी बहन प्रियंका गांधी वाड्रा को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाए जाने के प्रशांत किशोर के प्रस्ताव को कांग्रेस ने खारिज कर दिया है लेकिन प्रशांत किशोर इससे डिगे नहीं हैं. प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रशांत ने यूपी में अगले साल होने वाले विधानसभा […]

नयी दिल्ली : उत्तर प्रदेश में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी या उनकी बहन प्रियंका गांधी वाड्रा को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाए जाने के प्रशांत किशोर के प्रस्ताव को कांग्रेस ने खारिज कर दिया है लेकिन प्रशांत किशोर इससे डिगे नहीं हैं. प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रशांत ने यूपी में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के सामने जीत का नया फॉर्मूला पेश कर दिया है अब देखना है कि पार्टी उनकी राह पर कितनी आसान होती है.

सूत्रों के मुताबिक यदि राहुल या प्रियंका को कांग्रेस आगे नहीं करती है तो प्रशांत किशोर ने कांग्रेस को सीएम पद के लिए एक ऐसा ब्राह्मण नेता चुनने को कहा जो कि प्रदेश का नहीं हो और वोटरों एवं जमीनी स्तर पर कार्यकर्ताओं में जोश भर सके.

वहीं दूसरी ओर , कांग्रेस को उम्मीद है कि राहुल गांधी इस साल पार्टी के अध्यक्ष का पद संभालेंगे. पार्टी ने वस्तुत: उन खबरों को खारिज करने के दौरान यह बात कही जिनमें कहा गया है कि राहुल को 2017 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में पार्टी की तरफ से मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के तौर पर पेश किया जाएगा. पार्टी नेता जयराम रमेश ने कांग्रेस की ब्रीफिंग में कहा कि राहुल गांधी अमेठी से सांसद और कांग्रेस के उपाध्यक्ष हैं. हम सब उम्मीद करते हैं कि वह 2016 में कांग्रेस के अध्यक्ष बनेंगे. रमेश ने यह बात उस सवाल के जवाब में कही जब उनसे उन खबरों के बारे में पूछा गया जिसमें कहा गया है कि पार्टी के चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने उन्हें सुझाव दिया है कि राहुल को मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के तौर पर पेश किया जाना चाहिए.

खबरों के अनुसार किशोर इस बात के पक्ष में है कि या तो प्रियंका गांधी या राहुल मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के तौर पर राज्य में विधानसभा चुनाव में पार्टी का नेतृत्व करें. प्रियंका को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाए जाने की संभावना पर रमेश ने कहा कि मुझे कोई जानकारी नहीं है. खबरों के अनुसार किशोर का मानना है कि कांग्रेस राहुल गांधी को प्रोजेक्ट करके और अगर लोग भरोसा करने लगे कि वह पार्टी को चुनाव में जीत दिला सकते हैं तब 2019 में सत्ता में वापस आ सकती है. साथ ही खबरों में यह भी कहा गया है कि अगर राहुल अपनी सहमति नहीं देते हैं तो प्रियंका का नाम उछाला जाना चाहिए. अगर दोनों इस प्रस्ताव को ठुकरा देते हैं तो किशोर दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित का नाम सुझा सकते हैं. इस बात की अटकलें हैं कि कांग्रेस इस महीने उत्तर प्रदेश कांग्रेस में बदलाव ला सकती है. निर्मल खत्री पिछले कुछ वर्षों से प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष हैं जबकि प्रदीप माथुर कांग्रेस विधायक दल के नेता हैं.

गौरतलब है किकांग्रेस 1989 से ही राज्य में सत्ता से बाहर है. उसी दौर में बसपा का उदय हुआ और राम मंदिर और मंडल जैसे मुद्दों ने उसे हाशिए पर ला दिया, जबकि वह स्वतंत्रता के बाद से लगभग पूरे समय सत्ता में रही थी.

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