मुंबई : मुश्किलों में घिरे शराब उद्यमी विजय माल्या की किंगफिशर एयरलाइन्स के ब्रांड और ट्रेडमाको’ की नीलामी आज खाली गयी और इनके लिए एक भी खरीदार नहीं आया. कंपनी को कर्ज देने वाले बैंकों ने अपने बकाये की वसूली के सिलसिले में इसकी गिरवी रखी गयी इन संपत्तियों को बोली पर चढाया था और बोली 366.70 करोड रुपये से शुरू होनी थी. माल्या से कर्ज की वसूली के मामले में एसबीआई के नेतृत्व में 17 बैंकों के समूह को दूसरी बार इस तरह की विफलता हाथ लगी है. इससे पहले इस बंद हो चुकी एयरलाइन्स के मुख्यालय किंगफिशर हाउस की नीलामी में भी कोई बोली नहीं मिली थी.
आज की नीलामी में किंगफिशर का लोगो, एयरलाइंस का कभी चर्चित रही स्वागत पंक्ति ‘फ्लाई दी गुड टाइम्स’ चढाया गया था. इसके साथ ही इसके ‘फ्लाई मॉडेल्स’, ‘फनलाइनर’, ‘फ्लाई किंगफिशर’ और ‘फलाइंग बर्ड डेवाइस’ जैसे दूसरे ट्रेडमार्क भी रखे गये थे. इनका आरक्षित मूल्य 366.70 करोड रुपये था. आरक्षित मूल्य उस मूल्य का दसवां हिस्सा भी नहीं है जिस पर इन्हें ऋण के लिए रेहन के तौर पर बैंकों को गिरवी रखा गया था. पर सूत्रों ने कहा कि यह आरक्षित मूल्य भी किसी भी बोली लगाने वाले की दृष्टि से ‘काफी ऊंचा’ था.
आरक्षित मूल्य अधिक होने के कारण नहीं मिले खरीदार
बैंकिंग सूत्रों ने कहा, ‘आरक्षित मूल्य को संभवत: बहुत ऊंचा समझा गया. इसी लिए कोई बोली नहीं लगी.’ नीलामी सुबह 11.30 बजे शुरू हुई और एक घंटे तक खुली रखी गयी पर इसमें कोई कामयाबी नहीं मिली. नीलामी एसीबीआईकैप ट्रस्टी कंपनी ने आयोजित की थी. यह कार्रवाई सर्फेसी अधिनियम (वित्तीय सम्पत्तियों का प्रतिभूतिकरण एवं पुनर्गठन तथा प्रतिभूति हित प्रवर्तन अधिनियम) के तहत की गयी. किंगफिशर एयरलाइन जब अपने पूरे गौरव पर थी तो ग्राट थॉर्टन ने इसके ब्रांड की कीमत ही 4000 करोड रुपये आंकी थी.
किंगफिशर की वार्षिक रपट 2012-13 में कहा गया था कि यह भारत की सबसे बडी एयरलाइन है और स्काईट्रैक्स ने इसे 5स्टार रेटिंग दी है. एक बैंक अधिकारी ने कहा कि इस ब्रांड को खरीद कर इसका उद्धार करने की बजाया नयी एयरलाइन्स शुरू करना अच्छा होगा. इससे पहले मुंबई में घरेलू हवाई अड्डे के निकट संभ्रांत विले पार्ले स्थिकिंगफिशर हाउस की नीलामी में उसका आरक्षित मूल्य 150 करोड रुपये रखा गया था. यह इमारत 17,000 वर्ग फुट की है. सूत्रों ने कहा कि अब इन दोनों संपत्तियों को नीलाम करने के लिए हो सकता है, इनका आरक्षित मूल्य कम करने का प्रयास किया जाए. बैंकों का किंगफिशर एयरलाइन्स पर ब्याज सहित बकाया 9,000 करोड रुपये से अधिक का है.
माल्या ने भारत लौटने से किया इनकार, पासपोर्ट रद्द
माल्या ने ऋणदाताओं और जांच एजेंसियों की कार्रवाई के बीच दो मार्च को भारत से बाहर का रास्ता पकडा. इस समय वह लंदन में हैं. इस बीच उनके खिलाफ मनी लांडरिंग निवारक कानून के तहत जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय की अर्जी पर उनके नाम गैर जमानती वारंट जारी हो चुका है तथा उनका पासपोर्ट भी रद्द किया जा चुका है. सरकार ने कहा है कि वह माल्य को भारत भेजने के लिए ब्रिटेन की सरकार को पत्र लिख चुकी है.
माल्या ने फिनांशल टाइम्स से बातचीत में कहा है कि उन्हें ‘जबरन निर्वासन’ में पहुंचाया गया है पर उन्होंने यह भी कहा कि तत्काल भारत लौटने की उनकी कोई योजना नहीं है. उन्होंने अखबार से कहा कि वह एयरलाइन्स के कर्ज को ऋणदाता बैंकों के तार्किक ढंग से निपटाने को तैयार हैं पर उनका पासपोर्ट रद्द करने या उन्हें गिरफ्तार करने से उन्हें ‘एक भी पैसा हासिल नहीं हो रहा है.’
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