नयी दिल्ली : एमबीबीएस और बीडीएस पाठ्यक्रमों के लिए राज्य सरकारों को अलग से परीक्षा के आयोजन की अनुमति प्रदान करने को लेकर केंद्र ने आज सुप्रीम कोर्ट से स्वीकृति मांगी.बाद में इस मामले मेंफैसला देते हुए सुप्रीम कोर्ट नेे तय समयपरही परीक्षा करवानेकी बात कही. सुप्रीमकोर्ट के इस फैसले के बाद एनइइटीकी परीक्षा अब एक मई,रविवारको होगी. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में केंद्र व राज्य की याचिका पर अब अगले हफ्ते सुनवाई करने की बात कही है. शीर्ष अदालतने इसमें किसी तरह के बदलाव से इनकार कर दिया.केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया था कि वह एनइइटी की एक मई को होने वाली पहले चरण की परीक्षा को टाल दें. जिस पर आज सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पहले चरण की परीक्षा एक मई को होगी. न्यायमूर्ति अनिल दवे ने केंद्र की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि हमने अपना आदेश पारित कर दिया है अब परीक्षा एक मई को होगी.
अटार्नी जनरल ने सलाह दी कि दो चरण के बजाय एनईईटी एक दिन 24 जुलाई को आयोजित किया जा सकता है.अटार्नीजनरल ने कहा कि जो राज्य परीक्षा आयोजित कर चुके हैं अथवा परीक्षा आयोजित करने वाले हैं, उन्हें परीक्षा आयोजन की अनुमति दी जानी चाहिए जिसपर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कल आदेश पारित करने वाली पीठ के आज बाद में मामले में सुनवाई करने की संभावना है.
आपको बता दें कि नीट के तहत मेडिकल में प्रवेश के सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद महाराष्ट्र सरकार ने इसके खिलाफ याचिका दायर करने का मन बना लिया है. सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि आखिरी वक्त पर लिए गए इस फैसले से इस साल काफी संख्या में स्टूडेंट्स को दिक्कत का सामना करना पड़ेगा इसलिए उनकी सरकार समीक्षा याचिका दायर करेगी.
दो चरणों में होगाकॉमन टेस्ट
गौर हो कि देश भर के निजी व सरकारी मेडिकल और डेंटल कॉलेजों में एमबीबीएस और बीडीएस पाठ्यक्रम में नामांकन के लिए इसी साल से कॉमन मेडिकल एडमिशन टेस्ट होगा. सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को इसके शेड्यूल को हरी झंडी दे दी. यह कॉमन टेस्ट (एनइइटी) दो चरणों में होगा. कोर्ट ने एक मई को होनेवाली अखिल भारतीय प्री-मेडिकल टेस्ट (एआइपीएमटी) को एनइइटी-एक माना है. जिन छात्रों ने एआइपीएमटी के लिए आवेदन नहीं किया है, उन्हें 24 जुलाई को एनइइटी-दो में शामिल होने का मौका दिया जायेगा. दोनों के साझा नतीजे 17 अगस्त को जारी किये जायेंगे. जस्टिस एआर दवे, जस्टिस शिवकीर्ति सिंह व जस्टिस एके गोयल की पीठ ने गुरुवार को केंद्र सरकार और सीबीएसइ की ओर से एनइइटी के लिए दिये गये शेड्यूल पर मुहर लगायी. अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल पिंकी आनंद ने सुनवाई के दौरान कहा कि ऑल इंडिया पीएमटी का नाम बदल कर एनइइटी किया गया है.
सीबीएसइ रैंक तैयार करेगा
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार, रिजल्ट के बाद सीबीएसइ ऑल इंडिया रैंक तैयार कर अथॉरिटी को भेजेगी. टेस्ट के लिए केंद्र, राज्य, संस्थान, पुलिस सभी सीबीएसइ को मदद करेंगे. टेस्ट की पूरी प्रक्रिया पारदर्शी होगी. नकल रोकने के लिए इलेक्ट्रॉनिक तरीके और जैमर आदि का इस्तेमाल किया जायेगा. कोर्ट ने कहा कि यदि किसी को भी इस आदेश के अमल में दिक्कत हो तो वह सुप्रीम कोर्ट आ सकता है.
हो चुकीं या होनेवाली सभी परीक्षाएं रद्द
सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद अब मेडिकल व डेंटल कॉलेजों में एडमिशन के लिए हो चुकी या अगले महीने होने वाली सभी अन्य परीक्षाएं रद्द मानी जायेंगी. इसी के साथ कोर्ट ने राज्य सरकारों और निजी कॉलेजों की उस याचिका को ठुकरा दिया कि एनइइटी को उन पर थोपा नहीं जा सकता है. तमिलनाडु, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश और कर्नाटक ने कॉमन टेस्ट का विरोध किया था. देश में मेडिकल संबंधी करीब 90 टेस्ट होते हैं.