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जुलूस का रास्ता बदलने के कारण बोकारो में हुई हिंसा

रांची : रामनवमी जुलूस के दौरान दो गुटों में हुए विवाद को लेकर बोकारो के उपायुक्त और एसपी ने सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. रिपोर्ट में कहा गया है कि जुलूस का रास्ता बदलने के कारण दो गुटों में हिंसा हुई. जुलूस का नेतृत्व विधायक विरंची नारायण कर रहे थे. रिपोर्ट में घटना […]

रांची : रामनवमी जुलूस के दौरान दो गुटों में हुए विवाद को लेकर बोकारो के उपायुक्त और एसपी ने सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. रिपोर्ट में कहा गया है कि जुलूस का रास्ता बदलने के कारण दो गुटों में हिंसा हुई. जुलूस का नेतृत्व विधायक विरंची नारायण कर रहे थे. रिपोर्ट में घटना के लिए चास के एसडीओ, डीएसपी मुख्यालय और माराफारी के थाना प्रभारी को पहली नजर में जिम्मेवार बताया गया है.
पहले से निर्धारित था जुलूस का रास्ता : रिपोर्ट में कहा गया है कि रामनवमी जुलूस के लिए रास्ता निर्धारित था. रेलवे फाटक की ओर से आनेवाले जुलूस को सिवनडीह होते हुए नया मोड़ जाना था.

बारी कॉपरेटिव मोड़ के निकटवाले जुलूस को सिवनडीह नहीं जाना था. इस जुलूस को नया मोड़ जाना था. पर यह जुलूस सिवनडीह जाने लगे. दूसरे गुट के लोगों ने इसका विरोध किया. इसके बाद हिंसा शुरू हो गयी. रिपोर्ट में कहा गया है कि शाम करीब 5.40 बजे चास के एसडीओ ने उपायुक्त को सूचना दी कि बोकारो रेलवे स्टेशन की ओर से आनेवाले जुलूस पर सिवनडीह के पास कुछ असामाजिक तत्वों की ओर से पथराव किया गया. जुलूस को रोकने की कोशिश की जा रही है. इस जुलूस का नेतृत्व विधायक विरंची नारायण कर रहे हैं.

असामाजिक तत्वों ने दो ट्रक व कार को फूंक डाला : रिपोर्ट में कहा गया है कि सूचना मिलने के बाद करीब छह बजे उपायुक्त और एसपी घटनास्थल (सिवनडीह) पर पहुंचे. पथराव करनेवाले और जुलूस में शामिल लोगों को दोनों तरफ रोक कर रखा गया. शांति बनाने की अपील की गयी.
इस बीच घटनास्थल के किनारे पहले से खड़े दो ट्रकों और एक कार को असामाजिक तत्वों ने आग के हवाले कर दिया. घटनास्थल के दोनों तरफ रोके गये लोग पुलिस प्रशासन पर लगातार पथराव कर रहे थे. इससे चास एसडीओ की गाड़ी क्षतिग्रस्त हो गयी. कुछ पुलिसकर्मियों को चोटें लगी.
शांति बनाने की अपील का नहीं हुआ असर
रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस प्रशासन की ओर से शांति बनाने की अपील का कोई असर नहीं हुआ. इसके बाद पुलिस ने लाठी चार्ज कर दोनों तरफ खड़े लोगों को तितर-बितर किया. स्थिति को नियंत्रित करने के लिए रात 10.15 बजे से चार थाना क्षेत्रों (माराफारी, बीएस सिटी, सेक्टर-12 ओर बालीडीह) में कर्फ्यू लगा दिया गया. अफवाहों पर काबू पाने के लिए जिले में इंटरनेट सेवा बंद करा दी गयी. 17 अप्रैल को सेक्टर-2 स्थित कला केंद्र में शांति समिति का बैठक हुई. इसमें मंत्री अमर बाउरी, विधायक विरंची नारायण, जगन्नाथ महतो, योगेंद्र प्रसाद सहित दोनों गुट के लोग शामिल हुए. इसके बाद शाम पांच बचे सिवनडीह से सदभावना मार्च निकाला गया और कर्फ्यू समाप्त कर दिया गया.
एसडीओ, डीएसपी ने दंडाधिकारियों को नहीं दिया था रूट चार्ट
रिपोर्ट में कह गया है कि रामनवमी में शांति व्यवस्था बनाये रखने के लिए जुलूस को निर्धारित रूट का पालन करने का निर्देश दिया गया था. एसडीओ और डीएसपी को निर्देश दिया गया था कि वे रामनवमी के अवसर पर तैनात किये गये सभी दंडाधिकारियों को जुलूस का रूट चार्ट और अखाड़ों के वालेंटियर्स की सूची उपलब्ध करायें. पर इन अधिकारियों ने दंडाधिकारियों को रूट चार्ट सहित अन्य जानकारियों उपलब्ध नहीं करायी. इसलिए मामले में पहली नजर में एसडीओ, डीएसपी और थाना प्रभारी जिम्मेवार हैं.

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