पटना : राज्य में बिजली संकट गहराने के संकेत मिल रहे हैं. पूरे देश में जल संकट गहराने के साथ उसका असर बिहार की बिजली उत्पादन पर भी पड़ रहा है. पानी की कमी की वजह से फरक्का बिजली घर और तकनीकी खराबी की वजह से बाढ़ और कांटी बिजली घर से उत्पादन बंद हो गया है. राजधानी पटना में हर आधे घंटे में बिजली जा रही है. इन बिजली घरों में उत्पादन ठप्प होने से सप्लाई पर सीधा असर पड़ा है.
केंद्र ने की कटौती
जानकारी के मुताबिक बिहार में बिजलीघरों से उत्पादन ठप्प होने के बाद उधर केंद्रीय सेक्टर से बिहार को मिलने वाली बिजली की कटौती कर दी गयी है. बिजली संकट का असर ग्रामीण क्षेत्रों में साफ देखा जा रहा है. जरूरत से काफी कम बिजली की सप्लाई की जा रही है.
मांग के अनुरूप सप्लाई नहीं
बिजली के मांग की बात करें तो सूबे को चार हजार मेगावाट बिजली की जरूरीत है. वहीं आपूर्ति घटकर 1800 मेगावाट तक पहुंच गयी है. सप्लाई कम होने शहरों में 6 घंटे और गांवों में 10 से 12 घंटे बिजली की कटौती की जा रही है. बिजली विभाग के मुताबिक केंद्र से 1100 मेगावाट कम बिजली मिल रही है. इधर बिहार के केंद्रों से बिजली सप्लाई बाधित होने से 1110 मेगावाट बिजली का उत्पादन कम हो गया है.