धनबाद रेल मंडल. एमके अखौरी ने संभाला डीआरएम का पदभार, बोले
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बेहतर सुविधा देने की कोशिश करूंगा
धनबाद रेल मंडल. एमके अखौरी ने संभाला डीआरएम का पदभार, बोले धनबाद के नये मंडल रेल प्रबंधक (डीआरएम) मनोज कुमार अखौरी ने मंगलवार को पदभार ग्रहण कर लिया. इसके बाद उन्होंने मंडल के रेल अधिकारियों के साथ इंट्रोडक्शन मीटिंग की. श्री अखौरी सुबह नयी दिल्ली-सियालदह दूरंतो एक्सप्रेस से धनबाद पहुंचे. यहां के अधिकारियों ने उनका […]
धनबाद के नये मंडल रेल प्रबंधक (डीआरएम) मनोज कुमार अखौरी ने मंगलवार को पदभार ग्रहण कर लिया. इसके बाद उन्होंने मंडल के रेल अधिकारियों के साथ इंट्रोडक्शन मीटिंग की. श्री अखौरी सुबह नयी दिल्ली-सियालदह दूरंतो एक्सप्रेस से धनबाद पहुंचे. यहां के अधिकारियों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया.
धनबाद : डीआरएम मनोज कुमार अखौरी ने कहा कि धनबाद रेल मंडल अपने यात्रियों को अच्छी से अच्छी सुविधा देने की पूरी कोशिश करेगा और जनता की उम्मीदों पर खरा उतरेगा. यात्री भी सरकार व रेलवे की संपत्ति नहीं, बल्कि अपनी संपत्ति समझ कर इसका उपयोग करें. इससे न सिर्फ रेलवे, बल्कि आम यात्रियों को भी फायदा पहुंचेगा. दूसरे प्रदेश या मंडल में ट्रेनों के मेंटेनेंस को देख कर अच्छा लगता है. मैं भी अपने धनबाद मंडल में ट्रेनों का इसी तरह से मेंटेनेंस करूंगा. यात्री (यूजर्स) भी रेलवे का अच्छे से उपयोग करें. यदि होगा तो आम यात्रियों को जागरूक करने के लिए जागरूकता अभियान भी चलाया जायेगा.
आइएसएम से किया है एमटेक : एमके अखौरी गुमला जिला के रहने वाले हैं. स्कूली पढ़ाई रांची व कॉलेज की पढ़ाई संत जेवियर कॉलेज रांची से की. वर्ष 1982 से 1985 तक आइएसएम से एमटेक किया. 1987 में यूपीएससी में कामयाबी हासिल कर इंडियन रेलवे से जुड़े. पहली पोस्टिंग सेंट्रल रेलवे मुंबई में हुई. उसके बाद उन्होंने भोपाल, इटारसी, जोधपुर, अंबाला, फिरोजपुर, दिल्ली में कई महत्वपूर्ण पदों पर रह कर रेलवे की सेवा की. इसके बाद वह रेलवे मंत्रालय में डायरेक्टर, ट्रैफिक कॉरपोरेट को-ऑडिनेशन, रेलवे बोर्ड में डायरेक्टर, ट्रैफिक ट्रांसपोर्टेशन के पद पर रहे. उन्होंने डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर में जीएम ऑपरेशन और वर्ष 2007 में डेडिकेटेट फ्रेट कॉरिडोर में ग्रुप जनरल मैनेजर का पद भी संभाला. रेलवे बोर्ड के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर, ट्रांसपोर्टेशन ट्रैकिंग एंड रेल रोड के पद से उन्हें स्थानांतरित कर धनबाद का डीआरएम बनाया गया.
धनबाद में 1982 से 85 तक बिताये दिन याद आ गये
तब ढाई रुपये में रेलवे क्लब में देखते थे फिल्म
धनबाद में श्री अखौरी को अपना स्टूडेंट्स लाइफ याद आ गया. आइएसएम में 1982 से 85 तक पढ़ाई के दौरान की कई बातें उन्होंने पत्रकारों से शेयर की. उन्होंने कहा : जब भी फिल्म देखने का मन होता था तो कॉलेज के ग्रुप के साथ रेलवे क्लब (अब रेलवे ऑडिटोरियम) में चले आते थे. उस समय 2.50 रुपया में पूरी फिल्म देखने को मिल जाती थी. स्टेशन के बगल में होने के कारण यातायात हमेशा उपलब्ध रहता था. उन्होंने रेलवे क्लब के बारे में अधिकारियों से जानकारी ली तो बताया गया कि सिनेमा हॉल अब बंद है और उसकी जगह रेलवे ऑडिटोरियम बन गया है.
डीआरएम ने कहा : ऐसे तो पूरे शहर का लूक बदला-बदला दिख रहा है. तब डीआरएम बिल्डिंग का नाम डीएस ऑफिस हुआ करता था. इतनी भीड़-भाड़ व ट्रैफिक जाम नहीं था. शहर में नये-नये भवन और चारों तरफ बड़े -बड़े अपार्टमेंट देखने को मिल रहे हैं. हमारे समय में आइएसएम में कम कोर्स की पढ़ाई होती थी. लेकिन अब कोर्स काफी बढ़ गये हैं. तब आइएसएम में नये स्टूडेंट्स को बैरक हॉस्टल, सकेंड इयर में ओल्ड हॉस्टल व थर्ड इयर में नया हॉस्टल रहने को मिलता था. लेकिन अब तो आइएसएम में भी कई बदलाव आ गये हैं. आइएसएम को भी आइआइटी का दर्जा मिल चुका है.
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