पटना: राज्य में शराबबंदी हुए 25 दिन ही हुए हैं, लेकिन आपराधिक घटनाओं में काफी कमी आयी है. पिछले साल की तुलना में पटना प्रमंडल के छह जिलों पटना, नालंदा, बक्सर, कैमूर, रोहतास व भोजपुर में 27 फीसदी अपराध कम हुआ है. इसका खुलासा पटना प्रमंडल की समीक्षात्मक बैठक में हुआ.
अपराध हुआ कम
सोमवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में संवाद में यह बैठक आयोजित की गयी. मुख्यमंत्री ने शराबबंदी, अगलगी, पेयजल, छह जून से शुरू होनेवाले लोक शिकायत निवारण अधिकार नियमावली, सात निश्चय हर घर बिजली लगातार, शौचालय निर्माण, घर का सम्मान, हर घर नल का जल, अवसर बढ़े-आगे पढ़े की एक-एक कर समीक्षा की. समीक्षा के दौरान जो आंकड़े सामने आये, उससे यही बात सामने आयी कि शराबबंदी के बाद से अपराध की संख्या में काफी कमी आयी है.
जिलों के आंकड़ों ने बताया सच
बैठक में इन छह जिलों से आये आंकड़ों के अनुसार एक अप्रैल, 2015 से 23 अप्रैल, 2015 तक 3,178 आपराधिक मामले आये थे, वहीं, शराबबंदी के बाद से एक अप्रैल, 2016 से 23 अप्रैल, 2016 तक बिहार में 2328 अपराधिक मामले आये हैं. पिछले साल की तुलना में 850 कम आपराधिक मामले सामने आये हैं, जो 27 फीसदी कम है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस पर खुशी जाहिर की और आपराधिक मामलों को कम करने के लिए जिलों के पदाधिकारियों को कई निर्देश भी दिये.
पूरी सख्ती से शराबबंदी लागू करने का निर्देश
मुख्यमंत्री ने पूरी सख्ती से शराबबंदी लागू करने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि इससे विधि-व्यवस्था की स्थिति में काफी सुधार हुआ है. सार्वजनिक व धार्मिक जुलूसों के दौरान तनाव व झगड़े की घटनाओं में काफी कमी आयी है. मुख्यमंत्री ने विशेष रूप से सीमावर्ती जिलों में सघन पैट्रोलिंग करने और अवैध शराब के खिलाफ नियमित रूप से जांच अभियान चलाने का निर्देश दिया. शराबबंदी से सड़क हादसे में होनेवाली मौत में काफी कमी आयी है. मुख्यमंत्री ने कहा कि जून, 2016 से राज्य में लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम लागू हो रहा है. इसके लिए सभी जिलों व अनुमंडल मुख्यालयों में कार्यालय की व्यवस्था कर पर्याप्त काउंटर खोले जाएं, ताकि आम लोगों को किसी तरह की कठिनाई न हो. इसके साथ ही सभी केंद्रों पर कंप्यूटर व इंटरनेट की व्यवस्था की जाये. पहले से प्रखंडों में संचालित हो रहे आरटीपीएस केंद्रों की व्यवस्था को सुदृढ़ करते हुए उनमें और संसाधन उपलब्ध कराया जाये. मुख्यमंत्री ने सख्त निर्देश दिया कि किसी भी परिस्थिति में लोक शिकायत निवारण केंद्रों पर लोगों को कठिनाई न हो.
आग जलाने में सावधानी बरतें
सुबह नौ से शाम छह बजे तक न जलाये आग : मुख्यमंत्री ने अगलगी की भी समीक्षा की. उन्होंने कहा कि अग्निकांडों से पीड़ित परिवारों को उसी दिन तुरंत मुआवजा, राहत और अन्य आवश्यक सहायता हर हाल में उपलब्ध करायी जाये. साथ ही विभिन्न जिलों में दमकल गाड़ियों की आवश्यकता का आकलन करते हुए अतिरिक्त दमकल गाड़ियां खरदीने का प्रस्ताव देने का निर्देश दिया. उन्होंने आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव को निर्देश दिया कि एडवाइजरी जारी करें कि सुबह नौ बजे के बाद और शाम छह बजे के पहले आग न जलाएं. खेतों में आग मत लगाएं. हवन या पूजा नौ बजे सुबह से पहले करें. मुख्यमंत्री ने ऊर्जा सचिव को ढीले तारों को बदलने का भी निर्देश दिया.
जल स्तर में गिरावट
जल स्तर में आयी है गिरावट : समीक्षा के दौरान पाया गया कि पिछले दो सालों की तुलना में इस साल पटना प्रमंडल के विभिन्न जिलों के जल स्तर में काफी गिरावट आयी है. मुख्यमंत्री इससे निबटने के लिए हर संभव प्रयास किये जाने का निर्देश अधिकारियों को दिया. प्रभावी क्षेत्रों में वाटर टैंकर से पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित कराने और चापाकलों की मरम्मत के लिए टीम की संख्या बढ़ाने का भी निर्देश दिया.
अभियान चला कर संस्थानों के लिए जमीन का हो चयन : मुख्यमंत्री ने सात निश्चयों की भी समीक्षा की. सभी जिलों में जिला निबंधन व परामर्श केंद्र की स्थापना के लिए टेंडर निकाल दिया गया है. भाषा संवाद व बुनियादी कंप्यूटर ज्ञान केंद्र स्थापित करने के लिए सभी 98 प्रखंडों में स्थल चयन कर लिया गया है.
सभी कॉलेजों में मुफ्त वाइ- फाइ
मुख्यमंत्री ने सभी कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में मुफ्त वाइ-फाइ उपलब्ध कराने के लिए जल्द कार्रवाई करने का निदेश दिया. साथ ही हर घर बिजली उपलब्ध कराने के लिए सभी जिलों में वास्तविक स्थिति का सर्वेक्षण कराने का निर्देश ऊर्जा विभाग को दिया. इसी प्रकार हर घर में शौचालय के निर्माण के लिए कार्ययोजना बना कर जल्द देने का निर्देश संबंधित विभाग को दिया गया. मुख्यमंत्री ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि प्रत्येक जिल में एक सरकारी जीएनएम स्कूल के साथ-साथ एक इंजीनियरिंग कॉलेज, एक पारा मेडिकल संस्थान और एक महिला आइटीआइ खोला जाना है और प्रत्येक अनुमंडल में सरकारी एएनएम स्कूल व आइटीआइ की स्थापना की जानी है. इसके लिए विशेष अभियान चला कर इन सभी संस्थानों के लिए जमीन चिह्नित कर संबंधित विभागों को जल्द भेजा जाये. मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि सभी संस्थानों के लिए भूमि चयन के दौरान वहां पहुंच पथ और आम लोगों की सुविधाओं का विशेष ख्याल रखा जाये.
बैठक में मद्य निषेध को लेकर भी चर्चा की गयी. शराबबंदी के बाद से पटना प्रमंडल के छह जिलों में 1883 जगहों पर छापेमारी की गयी है और 353 लोगों की गिरफ्तारी भी हुई है. वहीं, 4143 लीटर अवैध चुलाई शराब और 8866 लीटर अवैध देशी शराब जब्त की गयी. इसके अलावा दंड के रूप में पटना प्रमंडल के सिर्फ बक्सर जिले से 3,99,300 रुपये भी वसूली हुई. साथ ही एक्साइज एक्ट के तहत 668 पर कार्रवाई की जा रही है.
बैठक में नशा मुक्ति केंद्र की स्थिति भी स्पष्ट की गयी. पटना, नालंदा, बक्सर, कैमूर, रोहतास व भोजपुर जिलों में ओपीडी में 453 मरीज आये, जबकि 72 मरीज इलाज के लिए भरती हुए. इसमें से दो मरीज की मौत हो गयी, जबकि वर्तमान में 14 मरीज इलाजरत हैं. मुख्यमंत्री ने पेयजल की समस्या दूर करने, अगलगी की घटनाओं से निबटने का भी निर्देश दिया.
आज भागलपुर प्रमंडल की समीक्षा बैठक
मुख्यमंत्री मंगलवार को भागलपुर प्रमंडल की समीक्षा भागलपुर में करेंगे. वहीं, तीन को सहरसा प्रमंडल, चार को दरभंगा और 11 मई को सारण प्रमंडल मुख्यालय में समीक्षात्मक बैठक करेंगे.