नयी दिल्ली : भारत और पाकिस्तान के विदेश सचिवों ने पठानकोट हमले के बाद अपनी पहली औपचारिक द्विपक्षीय वार्ता आज दिल्ली में की. इस दौरान पठानकोट हमले की जांच और कश्मीर समेत कई पेचीदा मुद्दों पर दोनों के बीच चर्चा हुई. प्राप्त जानकारी के अनुसार पाकिस्तानी पक्ष ने कश्मीर को ‘‘मुख्य मुद्दा’ बनाया जबकि भारत की ओर से पठानकोट हमले का मामला उठाया गया. विदेश सचिव एस जयशंकर ने यहां ‘हार्ट ऑफ एशिया’ सम्मेलन में भाग लेने आए अपने पाकिस्तानी समकक्ष एजाज अहमद चौधरी से मुलाकात की जिसके बाद पाकिस्तानी पक्ष ने कहा कि उसके विदेश सचिव ने ‘‘जोर दिया कि कश्मीर मुख्य मुद्दा है जिसका संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों और कश्मीरी लोगों की भावनाओं के अनुरुप उचित समाधान निकाले जाने की आवश्यकता है.’
Our Statement on Foreign Secretary Jaishankar's meeting with his Pakistani counterpart pic.twitter.com/BtOuduz73M
— Randhir Jaiswal (@MEAIndia) April 26, 2016
करीब पौने दो घंटे चली इस मुलाकात के संबंध में विदेश मंत्रालय प्रवक्ता विकास स्वरुप ने बताया कि भारत की ओर से पठानकोर्ट मामले को जोर-शोर से उठाया गया. उन्होंने कहा कि विदेश सचिव एस जयशंकर की ओर से आतंकी मसूद अजहर का मुद्दा भी उठाया गया. भारत की ओर से साफ कहा गया है कि आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान बच नहीं सकता है.विकास स्वरुप ने कहा कि भारतीय विदेश सचिव ने पठानकोट हमले की जांच तथा मुंबई हमलों से जुडे मुकदमे में जल्द एवं स्पष्ट प्रगति की आवश्यकता पर जोर दिया.जयशंकर ने साफ तौर पर कहा कि द्विपक्षीय संबंधों पर आतंकवाद के प्रभाव के मुद्दे से पाकिस्तान इनकार नहीं कर सकता है. जयशंकर ने चौधरी से कहा कि भारत को निशाना बनाने वाले पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूहों को अपनी गतिविधियों के संचालन की खुली छूट नहीं दी जानी चाहिए. भारत जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र के ‘1267 प्रतिबंध समिति’ में सूचीबद्ध करने का मुद्दा उठाएगा.
बैठक से पहले भारतीय अधिकारियों ने कहा कि विदेश सचिव स्तर की वार्ता के दौरान पठानकोट हमले और एनआईए की पाकिस्तान की संभावित यात्रा का मुद्दा उठाया जाएगा. पठानकोट वायुसेना स्टेशन पर हुए हमले के मद्देनजर ये वार्ताएं जनवरी में निलंबित हो गई थीं. पाकिस्तान उच्चायोग ने यहां कहा, ‘‘हमारे प्रधानमंत्री के शांतिपूर्ण पडोस के दृष्टिकोण के मद्दनेजर विदेश सचिव ने अपने सभी पडोसियों:भारत के साथ मित्रवत संबंध स्थापित करने की पाकिस्तान की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया। जम्मू-कश्मीर विवाद समेत सभी लंबित मुद्दों पर चर्चा की गई।’ भारत वार्ता को आगे ले जाने के लिए पठानकोट हमले के जिम्मेदार आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई किए जाने का दबाव बनाता रहा है. दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के पिछले साल दिसंबर में इस्लामाबाद में सीबीडी की घोषणा करने के बाद से जयशंकर और चौधरी के बीच यह पहली औपचारिक बैठक है. दोनों सचिवों ने इस साल मार्च में नेपाल में दक्षेस की एक बैठक के दौरान थोडी देर के लिए अनौपचारिक रुप से बातचीत की थी. जनवरी में पठानकोट वायुसेना स्टेशन पर आतंकी हमले के बाद विदेश सचिव स्तर पर सीबीडी बहाल करने की कोशिशों में गतिरोध आ गया था. भारत का कहना है कि पाकिस्तान स्थित आतंकी समूह जैश ए मोहम्मद के आतंकियों ने हमले को अंजाम दिया.
जयशंकर को चौधरी के साथ वार्ता करने के लिए 15 जनवरी को इस्लामाबाद जाना था लेकिन पठानकोट हमले के मद्देनजर दोनों देशों ने ‘‘आपसी सहमति’ के आधार पर वार्ता निलंबित करने की घोषणा की थी. आज बैठक ऐसे समय हुई है जब हाल में पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित ने कहा था कि द्विपक्षीय शांति प्रक्रिया निलंबित है, जिस पर भारत ने कडी प्रतिक्रया देते हुए दोहराया था कि विभिन्न स्तरों पर संवाद के माध्यम खुले हैं लेकिन साथ ही साफ किया कि वह बातचीत बहाल होने से पहले आतंकवाद और पठानकोट हमले को लेकर कार्रवाई चाहता है. इससे पहले जयशंकर ने अफगानिस्तान के उप विदेश मंत्री हेकमत करजई से मुलाकात की और आपसी हितों के मुद्दों पर चर्चा की.