भागलपुर : घर रौशन करते वक्त निकली चिंगारी पल में आग बन गयी आैर देखते ही देखते एक दर्जन लोग झुलस गये. इन सभी झुलसे लोगों को जब इलाज के लिए जेएलएनएमसीएच में भरती कराया गया तो पता चला कि इनके दहकते बदन को राहत देने वाला बर्न यूनिट पहले से ही भरा है. मजबूरी में इन झुलसे बेचारों का इमरजेंसी के गैलरी में नीचे बेड पर सुलाकर इलाज किया गया. इस दौरान व्यवस्था का आलम यह था
कि इन मरीजों के लिए स्लाइन चढ़ाने के लिए स्टैंड तक कम पड़ गया जिससे कई मरीजों का गैलरी की दीवारों में लगे खिड़कियों के ग्रिल में बांधकर पानी के बोतल को लटकाया गया. सर्जरी वार्ड की तीन नर्सों पर अचानक जब 12 मरीजों के सेवा की जरूरत पड़ी तो सिस्टम लाचार हो गया. क्योंकि उस वक्त इमरजेंसी में महज पांच डॉक्टर मौजूद थे जबकि सभी 12 दर्द से कराह रहे थे. मौके की नजाकत को देखते हुए वहां पर जीएनएम की तीन स्टूडेंट और अन्य वार्ड की नर्स को लगाया गया. इसके बावजूद सभी झुलसे लोगों तक राहत करीब एक घंटे बाद ही पहुंच सकी.