नयी दिल्ली : जब ड्रैगन अपनी बढ़ती ताकत के मद में पाकिस्तान पोषित आतंकी मसूद अजहर को भारत के खिलाफ इस्तेमाल के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में दो बार वीटो कर चुका हो, तो ठीक उसके कुछ ही दिनों बाद उसकी नींद डोल्कुन ईसा नाम के एक शख्स ने चुरा ली है. चीन की चिंता भारत द्वारा उसे वीजा देने से जुड़ी थी, चीन मसूद अजहर को भले ही आतंकी की कटेगरी में नहीं रखता है, लेकिन वह डोल्कुन ईसा को अपने देश का एक खतरनाक अलगाववादी व आतंकी मानता है, जिससे उसे अपने देश में बिखराव आने का भय सताता है.उइगर नेता डोल्कुन ईसा ने वीजा रद्द होने के बाद निराशा जताने के साथ यह भी स्पष्ट किया कि मेरी तुलना मसूद अजहर से नहीं करें. उन्होंने कहा कि मसूद अजहर से मेरी तुलना उइगर अधिकारों के लिए किये जा रहे मेरे अहिंसक अभियान को अवैध ठहराना होगा.एक न्यूज वेबसाइट के अनुसार, उन्होंने ये बातें एक इ-मेल साक्षात्कार में कही है.आखिर, ड्रैगन को एक शख्स से इतना भय क्यों लगता है. ऐसे में सहज सवाल उठता है कि आखिर कौन है डोल्कुन ईसा?
डोल्कुन ईसा के बारे में जानिए
डोल्कुन ईसा मूलत: चीनके शिंजियांगप्रांत का है. वह फिलहाल जर्मनी के म्यूनिख के रहनाहै और वहां से दुनिया भर में चीन के खिलाफ गतिविधियां संचालितकरता है. उसे 1990 में जर्मनी ने शरण दी थी. ईसा वर्ल्ड उइगर कांग्रेस (डब्ल्यूयूसी) के नेता हैं. ईसा के अनुसार भारत ने उसे इलेक्ट्रॉनिक वीजा दिया था जिसके बाद से वह अपने पहले भारत दौरे को लेकर उत्सुक थे. डब्ल्यूयूसी चीन से बाहर रहने वाले उइगर कम्युनिटी के लोगों का एक संगठन है जिसपर चीन के शिंजियांगप्रांत में आतंकवादी घटनाओं में शामिल होने और लोगों की हत्या की साजिश करने का आरोप है. आपको बता दें कि ईसा 1997 से इंटरपोल की हिट लिस्ट में है.
उसके ट्वीटर एकाउंट पर भी डालें नजर
डोल्कन ईसा अपने ट्वीटरएकाउंटपर वैसीखबरों कोशेयर करता है, जो चीन के खिलाफ होऔर भारत के साथ चीन केधोखे वाली खबरें भी वह शेयर करता है.खुद को वहभारत केशुभचिंतक की तरह प्रस्तुत करता है. उसकी मान्यता है कि भारतीय समुदाय के लोगों के साथ उसके समुदाय उइगर के लोगों का सदियों पुराना अच्छा रिश्ता है.
भारत को फिर दिया चीन ने धोखा। #ChinaDoubleStandard #PakProxyWar
http://t.co/F5uY7uKJuz— Oneindia Hindi (@oneindiaHindi) November 15, 2014
उसकी वेबसाइट में अलग इस्ट तुर्कीस्तान की परिकल्पना
डोल्कन ईसा की वेबसाइट www.uyghurcongress.org पर जायेंगे तो वहां वह अपनी संस्था के दुनिया भर में होने वाले आयोजनों का ब्यौरा देता दिखता है और वहां वैसी खबरें भी दिखती हैं, जिससे दुनिया में चीन की खराब छवि बन सकती हो.उसकीवेबसाइट पर आप फ्रीउइगर,फ्री इस्ट तुर्कीस्तान जैसे नारे भी दिख सकते हैं. वेबसाइट पर लिखाहुआ है कि इस तुर्कीस्तान 1949 सेकम्युनिस्ट चीन के सैन्य नियंत्रण में है. वेबसाइट पर डोल्कन को एक मानवाधिकारवादी के रूप में पेश किया गया है.
डब्ल्यूयूसी आतंकवाद को बढ़ावा देने वाला संगठन
चीन की नजर में उइगर लीडर्स मुस्लिम बहुल शिंजियांग प्रोविंस में आतंकवाद को बढ़ावा देने वाला संगठन है. उल्लेखनीय है कि शिंजियांग में उइगर मुसलमानों की आबादी एक करोड़ से ज्यादा है. ऐसा माना जाता है कि ये तुर्किक मूल के मुस्लिम हैं. कई सालों से अलग-अलग मांगों को लेकर यहां उइगर मुसलमान विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. चीन ईस्ट तुर्किस्तान इस्लामिक मूवमेंट (इटीआइएम) को एक आतंकवादी संगठन मानता है और उसपर सख्ती बरतता है. चीन के इतर डोल्कुन ईसा का कहना है कि ईस्ट तुर्किस्तान और इंडिया के बहुत पुराने और अच्छे रिलेशन थे. इसीलिए उइगर लोग भारत के दिल में बसते हैं.
भारत ने रद्दा किया वीजा
डोल्कुन ईसा को वीजा देने के मामले में भारत ने अपने कदम पीछे खींच लिये हैं. बताया जा रहा है कि चीन के लगातार डोल्कुन ईसा को वीजा देने के विरोध के कारण भारत ने यह निर्णय लिया है हालांकि भारत ने वीजा रद्द करने के पीछे गलत कैटेगरी में वीजा अप्लाई किए जाने को कारण बताया है. विदेश मंत्रालय के सूत्रों की माने तो चीन के वर्ल्ड उइगर कांग्रेस (डब्ल्यूयूसी) के लीडर डोल्कुन ईसा ने टूरिस्ट वीजा के लिए भारत के समक्ष आवेदन दिया था. यदि वह टूरिस्ट वीजा पर भारत आते भी तो वे किसी कॉन्फ्रेंस को संबोधित नहीं कर सकते थे.
भारत ने धर्मशाला में एक सम्मेलन में भाग लेने के लिए चीन के एक प्रमुख असंतुष्ट नेता को दिया गया वीजा संभवत: बीजिंग की आपत्ति के चलते रद्द कर दिया है. गृह मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने आज कोई ब्यौरा दिए बिना कहा, ‘‘हमने डोल्कन ईसाको दिया गया वीजा रद्द कर दिया है.’ वर्ल्ड उइगुर कांग्रेस (डब्ल्यू.यू.सी) के नेता इसा जर्मनी में रहते हैं. उन्हें अमेरिका स्थित ‘इनिशिएटिव्स फॉर चाइना’ द्वारा आयोजित किए जा रहे सम्मेलन में आमंत्रित किया गया था. भारत के कदम पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए इसा ने कहा, ‘‘23 अप्रैल को मुझे भारत की तरफ से एक अत्यंत लघु नोट मिला कि मेरा वीजा रद्द कर दिया गया है. इसमें कोई स्पष्टीकरण नहीं था.’
मसूद अजहर का बदला?
भारत के वर्ल्ड उइगुर कांग्रेस (डब्ल्यूयूसी) नेताडोल्कनईसा को भारत आने की इजाजत देने के बाद से पड़ोसी मुल्क सकते में था. भारत के इस कदम पर चीन ने चिंता जाहिर की और कहा किडोल्कनएक आतंकी है और उसके खिलाफ इंटरपोट का रेड कॉर्नर नोटिस भी जारी है. इस कारण सभी देशों की यह जिम्मेदारी बनती है कि उसे कानून के हवाले कर दिया जाए. जानकारों की माने तो संयुक्त राष्ट्र में जैश ए मोहम्मद चीफ मसूद अजहर पर बैन के रास्ते में चीन के वीटो के कारण भारत नेडोल्कनईसा को वीजा देने का निर्णय लिया था. ऐसा माना जा रहा है कि इसके कुछ दिन बाद भारत ने पड़ोसी देश को उसी की भाषा में जवाब देने की कोशिश कर रहा था. गौर हो कि मसूद मुंबई हमले का मास्टरमाइंड है.