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”मन की बात” : पीएम मोदी ने कहा, भयंकर गर्मी ने चारों तरफ सारा मज़ा किरकिरा कर दिया है

नयी दिल्ली:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज मन की बात कार्यक्रम में देश में पड़ रहे सूखे की मार पर चर्चा की. कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा कि पानी का मूल्य वही जान सकते हैं जिन्होंने इसकी किल्लत झेली है. उन्होंने कहा कि भयंकर गर्मी ने चारों तरफ सारा मज़ा किरकिरा कर दिया है. जब […]

नयी दिल्ली:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज मन की बात कार्यक्रम में देश में पड़ रहे सूखे की मार पर चर्चा की. कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा कि पानी का मूल्य वही जान सकते हैं जिन्होंने इसकी किल्लत झेली है. उन्होंने कहा कि भयंकर गर्मी ने चारों तरफ सारा मज़ा किरकिरा कर दिया है. जब लगातार सूखा पड़ता है, तो पानी-संग्रह के जो स्थान होते हैं, वो भी कम पड़ जाते हैं.पीएम ने कहा कि एन्क्रोच्मेंट के कारण, सिलटिंग के कारण, पानी के प्रवाह में रुकावटों के कारण, जलाशय भी अपनी क्षमता से काफी कम पानी संग्रहीत करते हैं. सूखे से निपटने के लिए नागरिक भी बहुत ही अच्छे प्रयास करते हैं. महाराष्ट्र के अहमदनगर ज़िले के हिवरे बाज़ार ग्राम पंचायत पानी की समस्या से निपटने के लिए क्रॉपिंग पैर्टन को बदल दिया.

पीएम ने कहा कि पानी ज्यादा उपयोग करने वाली फसलों को छोड़ने का निर्णय लें. उन्होंने स्प्रिंगलर, टपक सिंचाई, वॉटर हारवेस्टिंग, वॉटर रिचार्जिंग water recharging गांव ने कदम उठाए. मैं देश के ऐसे सभी गांववासियों को बहुत-बहुत बधाई देता हूं आपके इस उत्तम काम के लिए. म.प्र. में देवास में गोरखा गांव पंचायत करीब 27 फार्म पाउंड बनाए,उसके कारण ग्राउंड वॉटर लेनल में बढ़ोत्तरी हुई, पानी ऊपर आया. म.प्र. में देवास में गोरखा गांव पंचायत में कृषि उत्पादन में 20 प्रतिशत वृद्धि हुई. उन्होंने कहा कि जिस तेजी से रेलवे ने लातूर में पानी पहुंचाया है, रेलवे बधाई का पात्र.

पीएम ने कहा कि इस बार 106% से 110 % वर्षा की संभावना, एक बहुत बड़ा शान्ति का सन्देश लाया है. क्या हम गांव-गांव पानी बचाने के लिये, एक अभी से अभियान चला सकते हैं. इस बार गांव के तालाबों से मिट्टी उठा-उठा करके खेतों में ले जाएं, तो खेत की ज़मीन भी ठीक होगी, तो उसकी जल-संचय की ताकत भी बढ़ जायेगी. जितना पानी हो सकता है, रोकना चाहिए.

पीएम ने कहा कि जल संकट से निपटने के लिए सामूहिक प्रयत्नों की जरूरत है. कुमार कृष्णा के पत्र का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि MyGov पर कुमार कृष्णा लिखा है "हमारे रहते हुए कभी गंगा सफाई का अभियान संभव होगा क्या?"गंगा सफाई अभियान करीब-करीब 30 साल से चल रहा है. कई सरकारें आईं, कई योजनायें बनीं, ढेर सारा खर्चा भी हुआ. गंगा जैसे बहती है, देश की आर्थिक गतिविधि को भी एक नयी गति देती है. एक भगीरथ ने गंगा तो हमें ला कर दे दी, लेकिन बचाने के लिए करोड़ों-करोड़ों भगीरथों की ज़रूरत है. गंगा सफाई अभियान : सरकार की तरफ़ से कई सारे प्रयास चल रहे हैं. गंगा सफाई अभियान surface cleaning और industrial प्रदूषण पर रोकने के लिए काफी कदम उठाए हैं. गंगा में आए ठोस कचरे को साफ करने के लिए वाराणसी,इलाहाबाद,कानपुर,पटना पर trash skimmer पानी में तैरते-तैरते कचरा साफ़ करने का काम करते हैं.वहां तो 3 टन से 11 टन तक प्रतिदिन कचरा निकाला जाता है. आने वाले दिनों में और भी स्थानों पर trash skimmer लगाने की योजना है. Industrial प्रदूषण पर नियन्त्रण के लिए pulp and paper, distillery एवं sugar industry के साथ एक action plan प्लान बन गया है. खुशी है,बताया गया कि उत्तराखंड,यूपी, वहाँ जो distillery का जो discharge होता था वहां zero liquid discharge की ओर अफसरों ने सफलता पा ली है. Pulp and Paper Industry या Black liquor की निकासी लगभग पूरी तरह ख़त्म हो रही है. ये सारे इस बात के संकेत हैं कि हम सही दिशा में बढ़ रहे हैं और एक जागरूकता भी बढ़ी है. 24अप्रैल को भारत में ‘पंचायती राज दिवस’ के रूप में मनाया जाता है. इस दिन पंचायती राज व्यवस्था का आरम्भ हुआ.

पीएम मोदी ने कहा कि14 अप्रैल बाबा साहब आंबेडकर की 125वीं जयंती हम मना रहे थे और आज 24 अप्रैल, ‘पंचायती राज दिवस’ मना रहे हैं. भारत सरकार ने राज्य सरकारों के सहयोग के साथ 14 से 24 अप्रैल, 10 दिन ग्रामोदय से भारतोदय’ अभियान चलाया.पीएम मोदी ने कहा कि आज मैं झारखण्ड में, जहां अधिकतम आदिवासी भाई-बहन रहते हैं, उस प्रदेश में जा करके ‘पंचायती राज दिवस’ मनाने वाला हूं. इस अभियान ने बहुत बड़ा जागरूकता का काम किया. शायद ही एक साथ हिन्दुस्तान के इतने गांवों में इतने विविध कार्यक्रम 10 दिन चले हों. मैं राज्य सरकारों, ग्राम प्रधानों को बधाई देता हूं कि आपने गांव की भलाई,विकास,लोकतंत्र की मज़बूती के लिये अवसर में परिवर्तित किया.गांवों में जो जागरूकता आयी है वही भारत-उदय की गारंटी है. भारत-उदय का आधार ग्राम-उदय है, इसलिए ग्राम-उदय पर हम सब बल देते रहेंगे.

उन्होंने कहा कि मुम्बई से शर्मिला धारपुरे ने पर्याप्त स्कूलों या colleges का न होना, शिक्षा में education की quality न होने पर चिंता जतायी है.मैं अभिभावकों, मां-बाप से आग्रह करूंगा कि बच्चे के साथ, स्कूल की हो रही गतिविधियों पर विस्तार से समय देकर के बातें करें. कुछ बात ध्यान में आए तो खुद स्कूल में जा करके शिक्षकों से बात करें. ये हमारी शिक्षा व्यवस्था में बुराइयों को कम कर सकता है. शिक्षा में विस्तार का बहुत काम हम कर चुके हैं. अब हमें,quality education पर focus करना होगा.

पीएम मोदी ने कहा कि साक्षरता अभियान से अब अच्छी शिक्षा की प्राथमिकता बनानी पड़ेगी. अब तक हिसाब-किताब outlay का होता था, अब outcome पर focus करना पड़ेगा. अच्छी शिक्षा पर ध्यान केन्द्रित करना होगा। बजट भी आपने देखा होगा अच्छी शिक्षा पर बल देने का प्रयास हो रहा है. बजट के अन्दर 10 सरकारी University,10 Private University को सरकारी बंधनों से मुक्ति देने का, challenge route पर आने के लिए कहा है.आप top most University बनने के लिए क्या करना चाहते हैं, बताइये.

कार्यक्रम में मोना कर्णवाल, बिजनौर के सवाल का जवाब देते हुए पीएम ने कहा कि युवाओं के लिए पढ़ाई के साथ-साथ sports का भी बहुत महत्व है. युवाओं में team spirit की भावना होनी चाहिए, अच्छे leader के गुण भी होने चाहिए, जिससे कि उनका overall holistic development हो. मोना कर्णवाल चाहती हैं कि सरकार ज़्यादा से ज़्यादा NCC, NSS और Bharat Scouts and Guides को promote करे”. मैंने ऐसी एक meeting बुलायी, जिसमें NCC के मुखिया थे, NSS के थे, Scout and Guide के थे, Red Cross के थे, नेहरु युवा केंद्र के थे. Meeting से मुझे co-ordination की आवश्यकता लगी. अपने-अपने तरीक़े से बहुत-कुछ हो रहा है,संगठित रूप से काम करें तो बड़ा परिणाम दे सकते है. मैं स्वयं NCC का Cadet रहा हूँ,तो मुझे मालूम है कि ऐसे संगठनों से एक नई दृष्टि मिलती है,एक राष्ट्रीय दृष्टिकोण पनपता है. हम लोग प्रयास करके कितने block, कितने जिले, खुले में शौच जाना बंद करवा सकते हैं. Open defecation free कैसे कर सकते हैं. मुझे बताइए कि हमारे अनेक-अनेक युवा संगठन चलते हैं, उनकी कार्यशैली, कार्यक्रम में क्या नई चीज़ें जोड़ सकते हैं.

पीएम ने कहा कि मैंने कहा था कि अगर आप साल भर के 1500, 2000 रुपया खर्च का बोझ सहन कर सकते हैं, तो आप gas subsidy क्यों नहीं छोड़ देते. एक-करोड़ परिवारों ने स्वेच्छा से अपनी gas subsidy surrender कर दी, और ये एक करोड़ परिवार अमीर नहीं हैं.मैं सबसे पहले उन एक-करोड़ परिवारों को शत-शत नमन करता हूं,उन्होंने राजनेताओं को नये तरीके से सोचने के लिए मजबूर कर दिया. असामान्य बात ये है कि जनता पर भरोसा रखकर के काम करें, तो कितनी बड़ी सिद्धि मिलती है. कभी तो मुझे ऐसा भी लगता है कि हम कभी घोषित करें कि आज रेलवे की वो जो route है, उसमें कोई ticket checker नहीं रहेगा. एक बार देश की जनता पर हम भरोसा करें, तो अप्रतिम परिणाम मिल सकते हैं.

रवि के पत्र का उल्लेख करते हुए पीएम ने कहा कि उन्होंने मुझे लिखा है कि कृपया अपने अधिकारियों से कहिए कि हर दिन कोई एक अच्छी घटना के बारे में post करें, Good news every day. डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम हमेशा ये बात कहते थे कि अख़बार के पहले पन्ने पर सिर्फ़ positive ख़बरें छापिए. कुछ T.V. Channel positive ख़बरों का समय specially तय करके दे रहे हैं, ये तो सही है कि इन दिनों अब माहौल बना है positive ख़बरों का. अगर दिया जलायेंगे, तो अंधेरा छंटेगा ही-छंटेगा ही-छंटेगा ही.

पीएम मोदी ने जानकारी दी कि सरकार की तरफ़ से एक website चलाई जा रही है Transforming India. इस पर सकरात्मक ख़बरें होती हैं. आप भी अपनी कोई अच्छी ख़बर है, तो उसमें आप भेज सकते हैं. हम सब मिल करके positive करने का प्रयास करें, positive बोलने का प्रयास करें, positive पहुंचाने का प्रयास करें. उन्होंने कहा कि हमारे देश की विशेषता है-कुंभ मेला, कुंभ मेला tourism के आकर्षण का भी केंद्र बन सकता है. कई लोग सिंहस्थ कुंभ की तस्वीरें upload कर रहे हैं, मैं चाहूँगा कि tourism department इसकी competition करे photo competition. ये ‘कुंभ मेला’ भले धार्मिक-आध्यात्मिक मेला हो, लेकिन हम उसको एक सामाजिक अवसर भी बना सकते हैं. पंचायत-राज के इस महत्वपूर्ण दिवस पर, शाम को तो मैं आपको फिर से एक बार मिलूँगा ही मिलूँगा. आपके मन की बात ने मेरे मन की बात के साथ एक अटूट नाता जोड़ा है, इसका मुझे आनंद है. फिर एक बार बहुत-बहुत धन्यवाद.

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