देवघर: गोड्डा व पांकी विधानसभा उपचुनाव में भाजपा को शिकस्त देने के लिए झाविमो सभी गैर भाजपा को एकजुट करने की तैयारी में थी, लेकिन झामुमो ने प्रत्याशी उतारकर इसमें खलल डाल दिया. यह बात झाविमो महासचिव प्रदीप यादव ने सर्किट हाउस में प्रेस कॉन्फ्रेंस में कही. उन्होंने कहा कि गोड्डा व पांकी में सभी विपक्ष यह आकलन करने वाले थे कि राजद, कांग्रेस व अन्य दलों में कौन मजबूत प्रत्याशी होगा, उस अनुसार प्रत्याशी काे समर्थन दिया जाता.
लेकिन झामुमो की चुनाव लड़ने की जिद की वजह से अब परिस्थियां बदल चुकी है. झाविमो भी अब दो दिनों के अंदर प्रत्याशी की घोषणा करेगी. उन्होंने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष रवींद्र राय द्वारा बाबूलाल मरांडी पर दिये बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि बालूलाल मरांडी व नीतीश कुमार का मिलन राजनीति में एक नया परिवर्तन लायेगी. झाविमो से कोई भी लोग पद के लिए बिहार नहीं जाने वाला है.
सांप्रदायिक घटनाएं बढ़ी
श्री यादव ने कहा कि राज्य में कोई त्योहार शांतिपूर्ण वातावरण में नहीं हो रहा है. 14 वर्षों में जितनी सांप्रदायिक घटनाएं नहीं हुई है, उतनी घटना महज 16 माह में हुई है. इसमें लोगों की जानें गयी व करोड़ों की संपत्ति का नुकसान भी हुआ. यह केवल वोट की राजनीति का नतीजा है.
इसकी न्यायिक जांच होनी चाहिए. राज्य में पेयजल की घोर संकट है. एक वर्ष पूर्व ही भूतल जल निदेशालय ने यह सार्वजनिक कर दिया थी कि कई जिला क्रिटिकल जोन में हैं. बावजूद सरकार ने पेयजल संकट से निबटने के लिए कोई व्यवस्था नहीं की.
डीडीसी बेलगाम, होगा आंदोलन
झाविमो महासचिव ने कहा कि देवघर जिले में जिस प्रकार जिला परिषद के प्रति डीडीसी का नकारात्मक रवैया है, यही स्थिति पूरे राज्य में है. प्रमुख के कहने पर बीडीओ बैठक तक नहीं करते हैं. जिप अध्यक्ष के अधीन डीडीसी नहीं है, बल्कि डीडीसी ने अपने अधीन जिप अध्यक्ष व उपाध्यक्ष बनाकर रखा है.
डीडीसी बेलगाम हैं. पंचायतीराज केवल कागज पर चल रहा है. बहुत जल्द राज्यभर में पंचायत प्रतिनिधि आंदोलन करेंगे. उत्तराखंड के तर्ज पर झारखंड में भी दलबदल विधायकों पर स्पीकर को फैसला लेना चाहिए. इस अवसर पर झाविमो नेता सह जिप उपाध्यक्ष संतोष पासवान, नागेश्वर सिंह, दिलीप सिंह, विपिन देव, डा प्रेम भारती, बिनोद वर्मा व गोविंद यादव आदि थे.