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317 बूथों पर पहले चरण में मतदान
कर्मियों को दिया गया नियुक्ति पत्र बिहारशरीफ : जिले के पहले चरण में बिहारशरीफ व गिरियक में होने वाले पंचायत चुनाव को उल्टी प्रक्रिया शुरू हो गयी है. शुक्रवार को चुनाव कर्मियों को ज्वाईिनंग लेटर थमा दिया गया है. ज्वाईिनंग लेटर लेकर कुछ मतदान कर्मी बूथों की ओर रवाना हो गये है. जबकि अधिकतम मतदान […]
कर्मियों को दिया गया नियुक्ति पत्र
बिहारशरीफ : जिले के पहले चरण में बिहारशरीफ व गिरियक में होने वाले पंचायत चुनाव को उल्टी प्रक्रिया शुरू हो गयी है. शुक्रवार को चुनाव कर्मियों को ज्वाईिनंग लेटर थमा दिया गया है.
ज्वाईिनंग लेटर लेकर कुछ मतदान कर्मी बूथों की ओर रवाना हो गये है. जबकि अधिकतम मतदान कर्मी शनिवार को बूथों पर पहंुंचेगे. सभी कर्मियों को हर हाल में शनिवार तक बूथों पर पहुंचने का आादेश दिया गया है. चुनाव में करीब 15 सौ कर्मियों की ड्यूटी लगायी गयी है. कर्मचारियों को सख्त आदेश दिया गया है कि चुनाव हर हाल में निष्पक्ष होना है. बिना भेदभाव के ड्यूटी करने को कहा गया हैं. साथ ही यह भी कहा गया है कि समय से मतदान कार्य शुरू करा देना है.
मतदान कर्मियों को खाने की व्यवस्था करेंगी सेविका व रसोइयां:
पंचायत चुनाव कराने वाले कर्मचारियों को भोजन की व्यवस्था कराने का आदेश सेविका/सहायिका व रसोइयां को दिया गया है. डीएम ने आदेश दिया है कि संबंधित बूथ के नजदीक के आंगनााड़ी केंद्र की सेविका व सहायिका मतदान कर्मियों से संपर्क कर खाने की व्यवस्था करेंगी.
साथ ही मीड डे मील मे भोजन पकाने वाली रसोइयंा को भी कहा गया है कि तीनों मिलकर हर हाल में भोजन की व्यवस्था मतदान कर्मी का करें.
60 रुपये में खाना और पांच रुपये में चाय:
मतदान कर्मियों को बूथ पर ही ताजा और गर्म खाना के साथ पानी की व्यवस्था करायी जायेगी. इसके ऐवज में कर्मी को महज 60 रुपये भोजन के देना होगा. चाय की चुस्की के लिए भी पांच रुपये देना होगा. भोजन में दाल, भात, सब्जी, भूजिया दिया जायेगा. इच्छुक कर्मी और रुपये व्यय करने की सहमति के बाद भी भोजन मिल सकेगा.
हर प्रखंड में एक आदर्श बूथ:
पंचायत चुनाव में हर प्रखंड में एक आदर्श बूथ बनाया गया है. बिहारशरीफ के मध्य विद्यालय मधड़ा दक्षिणी भाग को आदर्श बूथ प्रशासन द्वारा धोषित किया गया हैं. गिरियक प्रखंड के उत्क्रमित मध्य विद्यालय पोखपुर पुराना भवन को आदर्श बूथ घोषित की गयी है.
महिला प्रत्याशियों ने खुद संभाली प्रचार की कमान
एकंगरसराय. हम जा रहली हे प्रचार में तु घर अगोरिह, आबे में जब देर होतै त खाना बना दिह. जेतना कह के जाहियो उतना काम करके रखिह. नहीं तो समझ लिह. यह वाक्या पंचायत चुनाव में व्यस्त प्रत्याशियों के साथ लागु हो राह है, चूंकि महिलाएं अब घर में कैद नहीं रही. आरक्षण के बाद अपने अधिकार व कर्तव्य के प्रति दृढ़ है. तथा घर की पुरी जिम्मेवारी अपने पति को सौंप रही है.
चौंकिये नहीं चुनाव परवान पर है, मतदाताओं को रिझाने व उसके खामोशी को तोड़ने की कवायद में महिला प्रत्याशी ज्यादा सक्षम दिख रही है. महिलाएं पुरूषों की अपेक्षा कम खर्च में चुनाव लड़ रही है. जिसके कारण महिला प्रत्याशी पुरुषों के पांवो में बेडि़या लगा ही है. तथा स्वयं प्रचार का कमान अपने हाथों में थाम लिया है.
चुनाव जीतने की अदम्य चाह व सेवा भावना व अपनी समर्थता को साबित करने की इस कवायद में इसी बहाने मतदाताओं को भरोसा दिलाना चाह रही है कि जीतने के बाद फैसला स्वंय लेगी. उसके रास्ते में पति, पुत्र, ससुर कहीं से रोड़ा नहीं रहेगा.
पुरूषों का प्रचार हारे-हारे तो महिलाओं का प्रचार घरे-घरे हो रहा है. जिससे हघर की महिलायें ज्यादा उसके भावुक हो रही है. सरकार ने महिलाओं की जो प्लेटफार्म दिया है, उसपर अमल भी शिक्षित महिलाएं कर रही हैं. यही कारण है कि पंचायत चुनाव में महिलाएं पुरूषों के अपेक्षा ज्यादा जोर लगा रही है.
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